फैसले पर कायम रह सकते हैं आडवाणी

Webdunia
रविवार, 17 मई 2009 (14:42 IST)
वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी के लोकसभा में विपक्ष के नेता पद की जिम्मेदारी नहीं संभालने के अपने फैसले पर कायम रहने की संभावना है और यदि वे इनकार करते हैं तो नए नेता का चुनाव सर्वसम्मति से किया जाएगा।

पार्टी प्रवक्ता बलबीर पुंज ने बताया कि हम उन्हें मनाने के पूरे प्रयास कर रहे हैं लेकिन उन्होंने कुछ भी सुनने से इनकार कर दिया है और अपने फैसले पर कायम हैं। ऐसी संभावना बेहद कम है कि वे अपना फैसला बदलें।

पार्टी ने इस मुद्दे पर आडवाणी से बातचीत के लिए भाजपा अध्यक्ष राजनाथसिंह को अधिकृत किया है। लोकसभा चुनाव में भाजपा के खराब प्रदर्शन के बाद आडवाणी ने पार्टी संसदीय बोर्ड को बताया कि वे विपक्ष का नेता नहीं बने रहना चाहते और पार्टी को इस पद के लिए किसी अन्य नेता का चुनाव करना चाहिए।

पुंज ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि हम आडवाणी पर दबाव बना सकते हैं क्योंकि वे दृढ़ मनःस्थिति के व्यक्ति हैं और एक बार उन्होंने अपना मन बना लिया है तो वे विपक्ष के नेता पद पर नहीं रहेंगे। उन्हें मनाने के प्रयास का कोई फायदा नहीं होगा।

पार्टी सूत्रों ने बताया कि लोकसभा में विपक्ष के नेता पद के लिए सुषमा स्वराज, जसवंत सिंह और मुरली मनोहर जोशी जैसे नेताओं के नाम चर्चा में हैं। पुंज ने कहा कि इस फैसले को स्वीकार करना मुश्किल फैसला है क्योंकि पार्टी ने 50 साल से अधिक समय से आडवाणी के नेतृत्व में काम किया है।

भाजपा प्रवक्ता ने कहा ऐसी भाजपा की कल्पना करना आम भाजपा कार्यकर्ता के लिए बहुत मुश्किल है जिसमें आडवाणी सक्रिय भूमिका में नहीं हों। लेकिन मैं सोचता हूँ कि आडवाणी अपना मन बना चुके हैं और मुझे नहीं लगता कि वे इससे पीछे हटेंगे।

पुंज ने कहा कि मुख्यमंत्रियों समेत पार्टी नेता उनसे विपक्ष के नेता पद पर बने रहने की अपील कर रहे हैं। उन्होंने कहा हम चाहते हैं कि आडवाणी हमारे मार्गदर्शन के लिए वहाँ मौजूद रहें।

विपक्ष के नेता पद पर आडवाणी की जगह कौन ले सकता है, इस सवाल पर पुंज ने कहा इस समय लोकसभा में भाजपा इस लिहाज से काफी समृद्ध है क्योंकि राज्यसभा में रहे कई वरिष्ठ नेता इस बार लोकसभा में जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि हम लोकसभा में गतिशील और ठोस विपक्ष देने में सक्षम होंगे। इनमें से कोई भी व्यक्ति विपक्ष का नेता हो सकता है। उन्होंने कहा हर किसी की अपनी पसंद होगी लेकिन पार्टी आम सहमति को तरजीह देगी और हमें इसके लिए इंतजार करना चाहिए।

उन्होंने साथ ही कहा कि ऐसे व्यक्ति की संसदीय पार्टी और संसदीय कार्यवाही में उसका अनुभव दोनों मायने रखेंगे। पुंज ने कहा कि जसवंत सिंह (रास में विपक्ष के नेता) राज्यसभा से लोकसभा में जा रहे हैं। वे पश्चिम बंगाल में दार्जिलिंग से चुनाव जीते हैं, इसलिए राज्यसभा में पद खाली है इसलिए उचित व्यक्ति का चुनाव करते समय इन सभी बातों को ध्यान में रखा जाएगा।

Show comments

जरूर पढ़ें

Raja Raghuvanshi murder : क्या राज की दादी को पता थे सोनम के राज, सदमे में हुई मौत, पोते को बताया था निर्दोष

जनगणना कैसे की जाती है और क्या है census का महत्व? संपूर्ण जानकारी

New FASTag Annual Pass Details : 3000 रुपए का नया FASTag, 200 ट्रिप, 7,000 की होगी बचत, 15 अगस्त से शुरुआत, नितिन गडकरी ने दी जानकारी

भारत के किस राज्य में कितनी है मुसलमानों की हिस्सेदारी, जानिए सबसे ज्यादा और सबसे कम मुस्लिम आबादी वाले राज्य

SIM Card के लिए सरकार ने बनाए नए Rules, KYC में पड़ेगी इन दस्तावेजों की जरूरत

सभी देखें

नवीनतम

ऑपरेशन सिंधु के तहत ईरान से लौटे 110 भारतीय, सुनाई आपबीती

मुनीर ने की ट्रंप के मन की बात, अमेरिकी राष्‍ट्रपति के लिए मांगा नोबेल शांति पुरस्कार

ईरान पर हमले की निंदा मुस्लिम देशों के दिखाने के दांत

Weather Update: राजस्थान, यूपी में मानसून की दस्तक, 18 राज्यों में भारी बारिश का अलर्ट

ईरान इजराइल जंग में अमेरिका की एंट्री, तेहरान पर हमले के प्लान को ट्रंप की मंजूरी