रिकॉर्ड वोटों से जीते थे ज्योतिरादित्य

Webdunia
रविवार, 26 अप्रैल 2009 (12:04 IST)
राकेश पाठ क
राष्ट्रीय राजनीति में जिस समय माधवराव सिंधिया का सितारा अपनी पूरी चमक के साथ जगमगा रहा था तभी एक विमान दुर्घटना ने इस सितारे को अचानक अस्त कर दिया। इस असामयिक निधन से अंचल की राजनीति में विराट शून्य पैदा हुआ। इसे भरने का काम स्व. माधवराव सिंधिया के इकलौते पुत्र ज्योतिरादित्य सिंधिया ने किया।

सन्‌ 1999 के चुनाव में जीतने के बाद माधवराव सिंधिया कांग्रेस के शिखर नेतृत्व के सबसे करीबियों में शुमार हो गए थे। सोनिया गाँधी ने उन्हें बहुत तवज्जो दी और लोकसभा में उप नेता बनाया। लोग उन्हें प्रधानमंत्री पद का सहज दावेदार मानने लगे थे। तभी 30 सितंबर 2001 को विमान दुर्घटना में उनका निधन हो गया।

इस हादसे के कारण रिक्त हुई गुना-शिवपुरी संसदीय सीट पर छः माह के भीतर चुनाव होना था। सिंधिया घराने की राजनीतिक विरासत संभालने का जिम्मा अनायास ही युवा ज्योतिरादित्य सिंधिया पर आ गया। वे तब स्टेनफोर्ड (अमेरिका) से एमबीए करके लौटे ही थे। वे सक्रिय राजनीति में नहीं थे, लेकिन अपने पिता के संरक्षण में राजनीति की बारहखड़ी तो सीख ही चुके थे।

ज्योतिरादित्य सिंधिया को गुना-शिवपुरी से कांग्रेस प्रत्याशी घोषित किया गया। यहीं से उनके पिता माधवराव ने 31 साल पहले पहला चुनाव जीता था। उनकी दादी विजयाराजे सिंधिया भी गुना से सांसद रही थीं। भाजपा के पास मुकाबले के लिए कोई ढंग का प्रत्याशी तक नहीं था। भाजपा ने राव देशराजसिंह को फिर मैदान में उतारा।

ज्योतिरादित्य करिश्माई नेता के रूप में उभरे। माधवराव सिंधिया के निधन से उपजी सहानुभूति लहर और स्वयं ज्योतिरादित्य के युवा तेवरों ने गुना-शिवपुरी में तूफान खड़ा कर दिया। ज्योतिरादित्य करीब चार लाख 6 हजार वोटों से अपना पहला चुनाव जीते। उन्हें कुल पाँच लाख पैंतीस हजार 728 और राव देशराजसिंह को एक लाख 29 हजार 160 वोट मिले।

Show comments

जरूर पढ़ें

बादल फटने, बाढ़ और भूस्खलन के लिए कौन है जिम्‍मेदार, जलवायु वैज्ञानिक ने दिया यह जवाब...

बिहार में वोटर लिस्ट विवाद के बीच चुनाव आयोग ने दी बड़ी राहत, बिना दस्तावेज के जमा करा सकेंगे गणना फॉर्म

चीन में बड़े बदलाव की आहट, क्या शी जिनपिंग 12 साल बाद छोड़ने जा रहे सत्ता? ताकत का बंटवारा क्यों कर रहा ड्रैगन का राजा

बिहार में वोटिंग लिस्ट पर बवाल, महुआ मोइत्रा ने सुप्रीम कोर्ट में दी EC के फैसले को चुनौती

ब्राजील पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी, कांग्रेस को क्‍यों याद आया 2012 का शिखर सम्मेलन

सभी देखें

नवीनतम

BRICS सम्मेलन में मोदी का वैश्विक सहयोग एवं बहुध्रुवीय विश्व में अहम भूमिका निभाने का आह्वान

अमेरिका के टेक्सास में बाढ़ से 80 से अधिक लोगों की मौत

हिमाचल प्रदेश में बादल फटा, थुनांग का इकलौता बैंक तबाह, लोग मलबे में ढूंढ रहे अपने लॉकर

Share bazaar: अमेरिका भारत व्यापार समझौते की चिंताओं के बीच बाजार में रहा उतार चढ़ाव का रुख, Sensex 171 और Nifty 54 अंक गिरा

कभी भी हो सकता है थर्ड वर्ल्ड वॉर, नितिन गडकरी के बयान के बाद हड़कंप