वाम के गढ़ में ही सोनिया की ललकार

Webdunia
सोमवार, 27 अप्रैल 2009 (15:50 IST)
पिछले आठ साल में पहली बार तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी के साथ एक मंच पर खड़े होकर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी ने परमाणु करार मुद्दे पर यूपीए सरकार से समर्थन वापस लेने के लिए वामदलों की कड़ी आलोचना की।

श्रीमत ी गाँधी ने इस महत्वपूर्ण लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा बढ़ती ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए हमने परमाणु करार किया लेकिन वामदलों ने यह कहते हुए इसका विरोध किया कि इसकी जरूरत नहीं है। इस सीट पर विदेशमंत्री प्रणब मुखर्जी चुनाव लड़ रहे हैं।

वाम मोर्चा शासित प्रदेश में वामदलों पर हमला बोलते हुए सोनिया ने कहा कि ग्रामीण रोजगार योजना एनआरईजीए जैसी महत्वाकांक्षी योजना को पश्चिम बंगाल में उचित तरीके से लागू नहीं किया गया।

सोनिया ने पश्चिम बंगाल की वाम मोर्चा सरकार पर आरोप लगाया कि वह गरीबों तथा समाज के दबे कुचले तबके के लिए केवल जबानी जमा-खर्च करती है। वामदल गरीबों के नाम की कसमें खाते हैं और खुद को उनका मसीहा बताते हैं।

उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में धान की पैदावार काफी हुई है लेकिन यह अजीब विरोधाभास है कि राज्य के लोगों के पास अपनी भूख मिटाने के लिए अन्न नहीं है।

कांग्रेस अध्यक्ष ने मतदाताओं को बताया कि केन्द्र में पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार ने किसानों के हित में ऐतिहासिक फैसले लि ए, जिनमें कृषि ऋण माफी योजना विशेष थी।

प्रधानमंत्री पद के दावेदारों पर निशाना साधते हुए सोनिया ने कहा इन दिनों प्रधानमंत्री पद की इच्छा पालना एक फैशन बन गया है, लेकिन कांग्रेस का मकसद देश और इसकी जनता की सेवा करना है।

कांग्रेस अध्यक्ष परोक्ष रूप से राजद, समाजवादी पार्टी और लोक जनशक्ति पार्टी का जिक्र कर रही थीं। उन्होंने कहा क ि उनका मकसद अकसर पाला और रंग बदलकर प्रधानमंत्री की कुर्सी हासिल करना है। कांग्रेस और तृणमूल गठबंधन के लिए वोट माँगते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि केन्द्र में धर्मनिरपेक्ष और स्थायी सरकार की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि आप केन्द्र में धर्मनिरपेक्ष तथा स्थायी सरकार के लिए गठबंधन को वोट देंगे। सोनिया गाँधी और ममता बनर्जी इससे पूर्व वर्ष 2001 में राज्य विधानसभा चुनाव के दौरान कोलकाता में एक मंच पर आई थीं, जिसके बाद तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने राजग से हाथ मिला लिया था।

ममता बनर्जी तथा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रणब मुखर्जी ने संयुक्त रूप से पिछले दिनों उत्तर बंगाल में चुनाव प्रचार किया था। दोनों दलों के बीच सीटों को लेकर समझौता हुआ है।

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