रॉबर्ट ब्राउनिंग का पत्र

एलिजाबेथ बैरेट ब्राउनिंग (1812-1889)

Webdunia
... कर सकता, यदि मैं, कोई भी एक भावना, जिसकी जड़े तुम्‍हारे अंदर जन्‍म लेती- कितना अच्‍छा होता और कुछ क्षण के लिए ही सही मगर ऐसा होता। मुझे महसूस होता है कि यदि मैं खुद को दुबारा गढ़ पाता, तो सोने में बदल जाता, इतना ही नहीं मेरी इच्‍छा है कि मैं हीरा बन जाऊँ, जिसे तुम हमेशा पहनो।

जो इज्‍जत तुमने मुझे इस पत्र में दी है, उसे मैं हृदय से लगाता हूँ, जिसने मेरा सिर ऊपर उठा दिया है, क्‍या मैं ऐसी इज्‍जत पाने योग्‍य हूँ, यह मेरे लिए अत्‍यधिक कठिन होगा, मैं अपनी सारी कृतज्ञता उड़ेल दूँ।

- रॉबर्ट ब्राउनिंग
(1812-1889)
Show comments

इस चाइनीज सब्जी के आगे पालक भी है फैल! जानें सेहत से जुड़े 5 गजब के फायदे

आइसक्रीम खाने के बाद भूलकर भी न खाएं ये 4 चीज़ें, सेहत को हो सकता है नुकसान

सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है नारियल की मलाई, ऐसे करें डाइट में शामिल

लू लगने से आ सकता है हार्ट अटैक, जानें दिल की सेहत का कैसे रखें खयाल

जल्दी निकल जाता है बालों का रंग तो आजमाएं ये 6 बेहतरीन टिप्स

AC का मजा बन जाएगी सजा! ये टेंपरेचर दिमाग और आंखों को कर देगा डैमेज, डॉक्टरों की ये सलाह मान लीजिए

गर्मी में फलों की कूल-कूल ठंडाई बनाने के 7 सरल टिप्स

घर में नहीं घुसेगा एक भी मच्छर, पोंछे के पानी में मिला लें 5 में से कोई एक चीज

क्या कभी खाया है केले का रायता? जानें विधि

जीने की नई राह दिखाएंगे रवींद्रनाथ टैगोर के 15 अनमोल कथन