लखीराम अग्रवाल पंचतत्व में विलीन

Webdunia
रविवार, 25 जनवरी 2009 (21:41 IST)
भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व सांसद लखीराम अग्रवाल का रविवार को यहाँ दोपहर बाद राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।

उनके ज्येष्ठ पुत्र बृजमोहन अग्रवाल ने मुक्तिधाम में मुखाग्नि दी। 78 वर्षीय अग्रवाल का शनिवार रात बिलासपुर के अपोलो अस्पताल में निधन हो गया था। वे कुछ वर्षों से बीमार थे।

रायगढ़ स्थित उनके गृहनगर खरसिया के निवास से निकली अंतिम यात्रा में प्रदेश के भाजपा एवं अन्य दलों के नेता कार्यकर्ता तथा नागरिक बड़ी संख्या में शामिल हुए। मुख्यमंत्री डॉ. रमनसिंह, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान, पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी, विक्रम वर्मा, सुमित्रा महाजन भी श्रद्धाजंलि देने यहाँ पहुँचे थे।

छत्तीसगढ़ मंत्रिमंडल के सदस्य भी अंतिम यात्रा में शामिल हुए। स्व. अग्रवाल के पुत्र अमर अग्रवाल राज्य के स्वास्थ्य मंत्री हैं । अविभाजित मध्यप्रदेश तथा छत्तीसगढ़ में भाजपा के कद्दावर नेता लखीराम अग्रवाल 1990 से 2002 तक राज्यसभा के सदस्य रहे। वे मध्यप्रदेश भाजपा के वर्ष 1990 से 2000 तक प्रदेश अध्यक्ष रहे तथा अलग होने के बाद बने छत्तीसगढ़ के भी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रहे।

13 फरवरी 1932 को खरसिया में जन्में अग्रवाल 1960 से सक्रिय राजनीति में आए। वे खरसिया नगर पालिका के अध्यक्ष, मप्र राज्य विपणन संघ के उपाध्यक्ष तथा जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष रहे। 1975 में आपातकाल में मीसाबंदी रहे। 1983 मे वे मप्र भाजपा के महामंत्री बने।

Show comments

जरूर पढ़ें

Rahul Gandhi : लोकसभा में राहुल गांधी होंगे विपक्ष के नेता, विपक्षी नेताओं की बैठक में फैसला

MP: मोहन सरकार का अहम फैसला, अब मंत्री स्वयं अदा करेंगे अपना आयकर सरकार नहीं

इंदौर-भोपाल, नागपुर, जयपुर से लेकर देशभर के शहरों में क्‍यों शटडाउन हो रहे FIIT JEE सेंटर्स, क्‍या है स्‍कैम?

काम आया पाई-पाई बचाया पैसा, 46 साल के भारतीय इलेक्ट्रिशियन ने निवेश में जीते 2 करोड़ रुपए, जानिए कैसे

राहुल ने संविधान हाथ में लेकर शपथ ली, ओवैसी बोले जय फिलीस्तीन

सभी देखें

नवीनतम

बड़ी खबर, CBI ने केजरीवाल को किया गिरफ्तार

live : ओम बिरला बने लोकसभा स्पीकर, ध्वनि मत से चुने गए

Petrol Diesel Prices: पेट्रोल डीजल के ताजा भाव जारी, जानें आपके शहर में क्या हैं ताजा भाव

विपक्ष के पास संख्या बल नहीं फिर भी लोकसभा स्पीकर के लिए नामांकन क्यों भरा?

टैक्स से गुस्साई भीड़ केन्या की संसद में घुसी, भारतीयों के लिए एडवाइजरी