कौन बनेंगे मंत्री!

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भोपाल। शिवराजसिंह चौहान के विधायक दल का नेता बनने के साथ ही उनकी दूसरी पारी के मंत्रिमंडलीय सहयोगियों को लेकर राजनीतिक गलियारों में अटकलों का बाजार गर्म हो चला है। शिवराज के सामने नए मंत्रियों को चुनने के साथ ही अपनी पुरानी टीम में भी फेरबदल का मौका है।

वैसे तेरहवीं विधानसभा के हिसाब से देखा जाए तो 60 ऐसे विधायक हैं, जो पिछली विधानसभा के भी सदस्य थे। दस ऐसे भी हैं जो पहले विधायक रहे हैं या फिर वर्तमान में सांसद हैं। बाबूलाल गौर ने भी उमाशंकर गुप्ता को पहली बार विधायक होने के बावजूद मंत्री बना दिया था। लेकिन शिवराज ने पहली बार जीते विधायकों को अपनी काबीना में शामिल करने से पहले भी परहेज किया था और इस बार भी वे इसी बात को आगे भी बढ़ाना चाहते हैं।

सूत्रों के अनुसार उनकी काबीना के भरोसेमंद साथियों में शुमार रहे कैलाश विजयवर्गीय, गोपाल भार्गव, अनूप मिश्रा, नरोत्तम मिश्रा, जयंत मलैया, विजय शाह, लक्ष्मीकांत शर्मा, नागेंद्र सिंह, जगदीश देवड़ा और तुकोजीराव पवार का नाम तो लगभग तय ही है।

इनके अलावा पारस जैन, मोती कश्यप, मीना सिंह, जगन्नाथ सिंह, अंतरसिंह आर्य, राव देशराजसिंह, रंजना बघेल, नारायण सिंह कुशवाह , रामदयाल अहिरवार का स्थान भी लगभग पक्का ही है। विनम्र और सदाशयी शिवराज राघवजी, करणसिंह वर्मा, कमल पटेल को भी कैबिनेट में शामिल करके उपकृत कर सकते हैं।

इसके बावजूद उनकी 35 सदस्यीय संभावित काबीना में 14 स्थान खाली रह जाते हैं। अब इन स्थानों की ओर देखें तो सबसे पहला क्रम सांसदों का आता है। इनमें अटलजी की तेरह दिन की सरकार में स्वास्थ्य राज्यमंत्री रहे सरताज सिंह का दावा सबसे ऊपर है। वे कांग्रेस के दिग्गज नेता हजारीलाल रघुवंशी को हराकर विधानसभा में पहुँचे हैं। फिर सिवनी जिले से ढालसिंह बिसेन के हार जाने के बाद उनके रिश्तेदार गौरीशंकर बिसेन की जगह भी लगभग तय ही है।

कुसुमसिंह मेहदेले के हार जाने के बाद महिला एवं बाल विकास मंत्री पद के लिए दावेदार महिलाओं में दो भाजपा नेत्रियों का तगड़ा दावा है। इनमें पहला नाम अर्चना चिटनिस का है तो दूसरे स्थान पर सिवनी की भाजपा सांसद नीता पटैरिया हैं। फिर कुर्मी समाज को प्रतिनिनिधित्व देने के लिहाज से रामकृष्ण कुसमरिया की जगह भी पक्की ही है।

लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर अब शायद नई भूमिका में नजर आएँ। शिवराज तो क्या सुंदरलाल पटवा की लाख मनुहार के बाद भी गौर तब नहीं माने थे। यह किस्सा भी ज्यादा नहीं साल भर पुराना है। लेकिन बदले हालात में शिवराज यदि उन्हें स्पीकर बनाने की जिद पर अड़े तो फिर गौर के सामने यह विकल्प मंजूर करने के सिवाए कोई और रास्ता नहीं रह जाएगा।

जाहिर है कि उस स्थिति में ईश्वरदास रोहाणी का मंत्री बनना तय ही है। इनके अलावा बाकी सीटों के लिए जिन नामों पर विचार हो रहा है उनमें प्रेमनारायण ठाकुर, राजेंद्र शुक्ला, खुमानसिंह शिवाजी, ओमप्रकाश सखलेचा, दीपक जोशी, ज्ञानसिंह, मनोहर ऊंटवाल और भगतसिंह नेताम, उमाशंकर गुप्ता आदि शामिल हैं। हालाँकि इनमें से ज्ञानसिंह और मीना सिंह में से किसी एक के ही नाम पर मुहर लगेगी। (नईदुनिया)

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