थायरॉयड की समस्या से बचें

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आमतौर पर गर्भधारण के दौरान थायरॉयड की समस्या पैदा होती है। यदि समय पर डॉक्टर से परामर्श लिया जाए, तो इसका निदान हो जाता है। लेकिन गर्भधारण के दो माह के दौरान यदि थायरॉयड का स्राव बहुत कम रहा हो तो डॉक्टर उन्हें गर्भपात की सलाह देते हैं।

ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि थायरॉयड ग्रंथि से स्रावित होने वाला थायरॉक्सिन नामक हार्मोन बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास को नियंत्रित करता है। चूँकि गर्भधारण के पहले तीन माह में ही बच्चे के विभिन्न शारीरिक तंत्रों के साथ मस्तिष्क का निर्माण होता है, इसलिए इस समय में यह हार्मोन बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

यदि पहले तीन माह में थायरॉक्सिन का लेवल काफी कम होता है, तो बच्चे में शारीरिक-मानसिक विकृतियाँ होने की आंशका रहती है।
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