मेरी माँ

Webdunia
' माँ' जिसकी कोई परिभाषा नहीं,
जिसकी कोई सीमा नहीं,
जो मेरे लिए भगवान से भी बढ़कर है
जो मेरे दुख से दुखी हो जाती है
और मेरी खुशी को अपना सबसे बड़ा सुख समझती है
जिसकी छाया में मैं अपने आप को महफूज़
समझती हूँ, जो मेरा आदर्श है
जिसकी ममता और प्यार भरा आँचल मुझे
दुनिया से सामना करने की ‍शक्ति देता है
जो साया बनकर हर कदम पर
मेरा साथ देती है
चोट मुझे लगती है तो दर्द उसे होता है
मेरी हर परीक्षा जैसे
उसकी अपनी परीक्षा होती है
माँ एक पल के लिए भी दूर होती है तो जैसे
कहीं कोई अधूरापन सा लगता है
हर पल एक सदी जैसा महसूस होता है
वाकई माँ का कोई विस्तार नहीं
मेरे लिए माँ से बढ़कर कुछ नहीं।

नीशी अग्रवाल
कक्षा : 9वीं
Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

क्या बच्चे में पंजों पर चलने की आदत का न्यूरोलॉजिकल समस्या से है संबंध, किन बातों पर ध्यान देना है ज़रूरी

टेंशन मिटाने के लिए करिए बॉक्स ब्रीदिंग, तनावमुक्त रहने के लिए ये है प्रभावी तकनीक

क्या डियोड्रेंट लगाने से ब्रेस्ट कैंसर का होता है खतरा ? जानिए सच्चाई

इस आटे की रोटी खाकर 50 उम्र में भी फिट हैं शिल्पा शेट्टी, जानें उनकी डाइट और हेल्दी लाइफस्टाइल

लंबे समय तक खड़े रहने से होने वाली थकान दूर करती हैं ये 5 आसान एक्सरसाइज

सभी देखें

नवीनतम

सर्दियों में डैंड्रफ से छुटकारा दिलाएंगे ये 3 होममेड हेयर मास्क, तुरंत दिखेगा असर

वेट लॉस में मददगार है करीना कपूर की ये पसंदीदा डिश, जानते हैं वजन कम करने में कैसे है सहायक

प्रकृति प्रदत्त वाणी एवं मनुष्य कृत भाषा!

विवाह पंचमी पर श्रीराम-सीता को अर्पित करें यह खास भोग, नोट करें रेसिपी (पढ़ें Step by step)

यामी गौतम की दमकती त्वचा का राज हैं ये देसी नुस्खे, जानिए कैसे करें इस्तेमाल