कभी डायनासोर को निगल लेते थे साँप

Webdunia
मंगलवार, 2 मार्च 2010 (18:44 IST)
जीवाश्म वैज्ञानिकों के एक अंतरराष्ट्रीय दल ने पता लगाया है कि गुजरात के विभिन्न हिस्सों में पाए जाने वाले अजगर जैसे साँप करीब 6.7 करोड़ वर्ष पूर्व छोटे डायनासोरों को निगल जाते थे।

मिशिगन विश्वविद्यालय के जेफ विल्सन तथा भारतीय भूविज्ञान सर्वेक्षण के धनंजय मोहाबे के नेतृत्व में जीवाश्म वैज्ञानिकों के एक दल ने अहमदाबाद से करीब 130 किलोमीटर दूर स्थित ढोली डुंगरी गाँव में साँप तथा डायनासोर के जीवाश्मों का पता लगाया है।

जीवाश्म वैज्ञानिकों का मानना है कि ये सांप छिपकली जैसे पैरों वाले ‘सौरोपोड’ डायनासोरों को उनके अंडों से बाहर निकलने के तुरंत बाद निगल लेते थे।

वैज्ञानिकों ने ‘पीएलओएस बायलॉजी’ में प्रकाशित अपने अध्ययन में कहा कि नए जीवाश्म साँपों के डायनासोरों को शिकार करने के पहले प्रमाण देते हैं। यह डायनासोरों को गैरडायनासोर जंतुओं द्वारा शिकार बनाये जाने का दुर्लभ उदाहरण है।

लगभग पूर्ण रूप से विकसित एक साँप के अवशेष ‘सौरोपोड’ डायनासोर के घोंसले में पाये गये हैं। वयस्क ‘सौरोपोड’ की गिनती इस पृथ्वी पर हुए अब तक के सबसे विशाल प्राणियों में होती है।

जीवाश्म में साँप अंडे से बाहर निकले डाइनासोर से लिपटा पाया गया है। अंडों को अपनी जकड़ में लिए अन्य साँप के अवशेष ये संकेत देते हैं कि साँप इन छोटे डायनासोरों को अपना शिकार बना लेते थे।

Show comments

जरूर पढ़ें

Indore में हेलमेट पर cctv कैमरा लगाकर घूम रहा राजू, चौंका देगी पूरी कहानी

भारतीय कर रहे ज्‍यादा नमक का सेवन, इन बीमारियों का बढ़ रहा खतरा, ICMR रिपोर्ट में हुआ खुलासा

Bihar polls: तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग के 'सूत्र' को बताया 'मूत्र', बयान पर मचा बवाल

Imran Khan : क्‍या जेल से रिहा होंगे इमरान खान, PTI पार्टी ने शुरू किया आंदोलन

Uttarakhand में क्यों पड़ी ‘ऑपरेशन कालनेमि’ की जरूरत? अब CM पुष्कर सिंह धामी ने खुद दिया जवाब

सभी देखें

नवीनतम

बिहार में सरकारी नौकरी में महिलाओं को 35% आरक्षण, किस राज्य में महिलाओं के लिए कितना है आरक्षण, समझिए हॉरिजॉन्टल-वर्टिकल रिजर्वेशन

हत्‍या को लेकर राधिका यादव की दोस्त ने किए कई खुलासे, पुलिस भी जानकर हैरान

5000 धर्मांतरण, लव जिहादियों की गैंग, माफिया से कनेक्शन, छांगुर का दिल दहलाने वाला सच

गुजरात में पुल के ऊपर तेज बहाव में बह गई कार, एक बच्चे व बुजुर्ग की मौत

झारखंड में किसानों को मिल रहा सीपियों को सोने में बदलने का प्रशिक्षण