तमिलनाडु में सांडों की लड़ाई पर रोक

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पोंगल उत्सव के तहत तमिलनाड़ु में होने वाली सांड़ों की लड़ाई की 400 वर्ष पुरानी जल्लिकट्टू परंपरा पर उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को रोक लगाते हुए कहा कि इससे पशुओं के खिलाफ क्रूरता रोकने के दिशानिर्देशों का उल्लंघन हो रहा है।

प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति केजी बालकृष्णन की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि प्रकट तौर पर दिशानिर्देशों का अनुसरण नहीं हुआ। ऐसा प्रतीत होता है कि दिशानिर्देशों का उल्लंघन हुआ। पीठ ने प्रदेश के जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि जल्लिकट्टू कराने की अब और अनुमति नहीं दी जाए। वरिष्ठ वकील केके वेणुगोपाल के एक घटना की तस्वीरें दर्शाने के बाद पीठ ने कहा कि हम इसके पक्ष में नहीं हैं।

जल्लिकट्टू के दौरान एक हादसे में 21 लोगों की मौत हो गई थी और 1614 अन्य घायल हुए थे। पशु कल्याण बोर्ड की ओर से मौजूद वेणुगोपाल ने इस तरह के आयोजन पर रोक लगाने के लिए गत वर्ष एक याचिका दायर की थी।

उन्होंने कहा कि गत 14 जनवरी से शुरू और फरवरी मध्य तक चलने वाले इस आयोजन में आयोजकों ने सभी दिशानिर्देशों को नजरअंदाज किया। बहरहाल तमिलनाड़ु की ओर से उपस्थित वकील ने आरोपों का जवाब देने के लिए दो सप्ताह का समय चाहा।
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