'माया को सत्ता में रहने का हक नहीं'

Webdunia
शुक्रवार, 23 नवंबर 2007 (19:50 IST)
उत्तरप्रदेश के तीन शहरों की अदालतों में शुक्रवार को हुए क्रमबद्ध बम धमाकों के लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए समाजवादी पार्टी के नेता अमरसिंह ने कहा कि मायावती सरकार को सत्ता में रहने का अधिकार नहीं है।

सिंह ने बातचीत के दौरान यहाँ कहा इन धमाकों से साबित हो गया है कि राज्य की कानून व्यवस्था बुरी तरह बिगड़ चुकी है और मायावती सरकार को सत्ता में रहने का कोई अधिकार नहीं है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार कानून व्यवस्था दुरूस्त करने और चरमपंथियों पर शिकंजा कसने की बजाय सपा कार्यकर्ताओं का उत्पीड़न कर रही है।

सिंह ने कहा मायावती सरकार ने 13000 सपा कार्यकर्ताओं को जेल में बंद कर दिया है। अगर इतनी ही मुस्तैदी अपराधियों के खिलाफ दिखाई जाती तो प्रदेश में आतंकवादी हमले नहीं होते।

सपा नेता ने कहा पिछले दिनों राहुल गाँधी पर कथित हमले की साजिश रचने वाले आतंकवादियों से सख्ती से पूछताछ होती तो आज के विस्फोटों को टाला जा सकता था।

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री ने विस्फोट में मारे गए लोगों के परिजनों को दो-दो लाख और घायलों को 50-50 हजार रूपए की सहायता राशि देने का ऐलान किया।

विस्फोट के बाद कचहरी परिसरों में भगदड़-सी मच गई और लोग बदहवासी के आलम में भागते नजर आए। कुछ लोग बुरी तरह घायल होने के बावजूद जान बचाने के लिए इधर-उधर भाग रहे थे जबकि कुछ भगदड़ में गिर जाने के कारण मदद के लिए चीख रहे थे। पुलिस ने तत्काल मौके पर पहुँचकर इलाके को घेर लिया और घायलों को फौरन अस्पताल पहुँचाने का इंतजाम किया।

हादसे के मद्देनजर उत्तर प्रदेश के साथ ही दिल्ली मुंबई बेंगलुरू और हैदराबाद सहित देश के विभिन्न भागों में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। तीनों जगह विस्फोट वकीलों के बैठने के स्थान अथवा उसके आसपास ही हुए। इससे लगता है कि विस्फोट वकीलों को निशाने पर रखकर किए गए थे।

वाराणसी के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसबी शिरोड़कर ने बताया कि आज दोपहर शहर के कचहरी परिसर में करीब एक बजकर आठ मिनट से एक बजकर 20 मिनट के बीच दो जबरदस्त विस्फोटों में एक वकील सहित कम से कम नौ लोगों की मौत हो गई जबकि अन्य 20 लोग घायल हो गए। कम से कम छह घायलों की हालत गंभीर बताई जा रही है। उन्होंने कहा कि घायलों को कबीर चौरा स्थित जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

उन्होंने बताया कि मृतकों में से एक की पहचान अधिवक्ता बोधराज वर्मा के रूप में की गई है जबकि अन्य की पहचान यज्ञनारायण सिंह और मूलचंदसिंह तथा एक 11 वर्षीय बालक संजीव कुमार के रूप में की गई है।

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