संसद में हिन्दी कामकाजी भाषा बने

Webdunia
शनिवार, 2 जून 2007 (04:13 IST)
संसद में राष्ट्रीय भाषाओं की दयनीय स्थिति में सुधार के लिए आवाज उठाते हुए मीडिया स्टडीज ग्रुप ने संसद में एक ग्रुप के गठन का सुझाव दिया है, जो क्षेत्रीय भाषाओं को कामकाजी भाषा के रूप में स्थापित करने की दिशा में पहल करे।

इस संबंध में मीडिया स्टडीज ग्रुप ने संसद में हिन्दी में तैयार रिपोर्टों तथा कार्यवाही से जुड़े विवरणों की प्रदर्शनी दो मई से सात मई तक आयोजित की जिसका विषय संसद में हिन्दी के साथ व्यवहार्रं था।

मीडिया स्टडीज ग्रुप के संयोजक अनिल चमड़िया ने कहा इस प्रदर्शनी में यह दिखाने का प्रयास किया गया है कि संसद में राष्ट्रीय भाषाओं में कैसे अनुवाद होता है। उन्होंने बताया कि संसद में हिन्दी भाषा में केवल अनुवाद होता है और अनुवाद भी ऐसा होता है, जिससे विषय का अर्थ ही बदल जाए।

गौरतलब है कि इसी समूह ने कुछ समय पहले एम्स के डॉक्टरों के विदेशों में पलायन विषय पर अध्ययन किया था। चमड़िया ने कहा कि यूरोपीय संसद में कार्यवाही का प्रत्येक क्षेत्रीय भाषाओं में अनुवाद होता है, लेकिन हमारे देश में संसद की कार्यवाही सभी क्षेत्रीय भाषाओं में लोगों तक नहीं पहुँच रही है।

उन्होंने कहा कि यह प्रदर्शनी आयोजित करने का उद्देश्य राष्ट्रीय भाषाओं के बीच रिश्तों को मजबूत बनाना है। हमारा उद्देश्य राष्ट्रीय भाषाओं में प्रकाशनों को बढ़ावा देने के लिए अवाज उठाना है।

Show comments

जरूर पढ़ें

Delhi : दिल्ली में CM के बंगले को लेकर फिर घमासान, AAP और कांग्रेस ने रेखा गुप्ता पर लगाए आरोप

पाकिस्तान ने दिखाया असली रंग, UNSC का अध्यक्ष बनते ही उठाया कश्मीर मुद्दा, चालबाजियों से कैसे निपटेगा भारत

ESIC की नियोक्ता और कर्मचारी पंजीकरण योजना शुरू, जानिए कब तक रहेगी लागू

Hero का सस्ता इलेक्ट्रिक स्कूटर Vida VX2 हुआ लॉन्च, जानिए कीमत और फीचर्स

क्या है केन्द्र सरकार की ELI Scheme, कैसे मिलेंगे आपको 15000 रुपए, क्या है पात्रता और शर्तें

सभी देखें

नवीनतम

Petrol Diesel Prices : कच्‍चे तेल की कीमतों में वृद्धि के बाद पेट्रोल डीजल के ताजा दाम जारी, जानें आपके नगर में क्या हैं भाव

आदित्य ठाकरे को बड़ी राहत, दिशा सालियान मामले में मिली क्लीनचिट

LIVE: आदित्य ठाकरे को बड़ी राहत, दिशा सालियान मामले में क्लीनचिट

अमरनाथ यात्रा शुरू, बालटाल और नुनवान आधार शिविरों से पहला जत्था रवाना

ऑपरेशन सिंदूर के उद्देश्य पर अमेरिका में क्या बोले विदेश मंत्री जयशंकर?