अप्रवासी संभल कर ढूँढ़े ब्रिटेन में बसेरा

कनाडा, आस्ट्रेलिया का करें रूख

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अगर आप विदेश में नौकरी की तलाश कर वहाँ बसने की तैयारी रहे हैं? तो ब्रिटेन की ओर न जाकर कनाडा, आस्ट्रेलिया और थाईलैंड जैसे देशों का रुख करें। जबकि ब्रिटेन में कंपनी से जुड़ने से पहले जरा पूरी तहकीकात कर लें। वार्षिक ग्लोबल सर्वे रिपोर्ट में पाया गया है कि मंदी की बुरी मार झेल रहा ब्रिटेन अप्रवासियों के रहने के लिए सबसे खराब जगह है, जबकि कनाडा, आस्ट्रेलिया और थाईलैंड विदेशियों के लिए बसने के सबसे बढ़िया देश बताए गए हैं।

एचएसबीसी बैंक इंटरनेशनल द्वारा कराए गए दूसरे वार्षिक एक्सपेट एक्पीरियंस सर्वे में खुलासा हुआ है कि जिंदगी गुजारने के लिए कनाडा सर्वश्रेष्ठ स्थान है। 50 देशों और 30 विभिन्न उद्योगों में कार्यरत 3,146 लोगों पर किए गए सर्वे में शीर्ष तीन देशों में कनाडा के अलावा आस्ट्रेलिया और थाईलैंड ने जगह बनाई। हालाँकि थाईलैंड भी उन देशों में शामिल है जहाँ प्रवासियों पर मंदी की सबसे ज्यादा मार पड़ी है।

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एचएसबीसी बैंक इंटरनेशनल की प्रवक्ता बेटोनी टेलर ने कहा, हमने देखा कि जीवन की गुणवत्ता और कमाई विभिन्नता है क्योंकि कई श्रेष्ठ कर्मचारियों ने रिपोर्ट की सूची में काफी निचला स्थान पाया है। उन्होंने कहा, साफ है कि जहा वेतन ज्यादा नहीं है, जैसे कनाडा और आस्ट्रेलिया, अप्रवासी न सिर्फ बेहतरीन जिंदगी का मजा लूट रहे हैं बल्कि नए समुदाय में भी आसानी से घुलमिल पा रहे हैं।

पिछले साल कनाडा के साथ शीर्ष तीन देशों में जर्मनी और स्पेन का नाम शामिल था। इस साल सबसे महंगी जगह होने और मंदी की मार के कारण ब्रिटेन को सबसे निचला स्थान दिया गया है। सिर्फ ब्रिटेन में ही 44 फीसदी प्रवासी ऐसे हैं जो अपने घर लौटने पर विचार कर रहे हैं जबकि कुल मिलाकर यह आकड़ा केवल 15 प्रतिशत ही है। करीब 41 फीसदी लोगों को ब्रिटेन में रहने के लिए जगह तलाशने में दिक्कत का सामना करना पड़ा जबकि एक तिहाई लोगों ने यहा आने के बाद स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ने की शिकायत की।

टेलर ने इस बारे में कहा, इसके बावजूद अप्रवासियों के मनोरंजन के मामले में ब्रिटेन को शीर्ष स्थान मिला है। यहा बस चुके आधे से भी ज्यादा '58 फीसदी' अप्रवासियों ने मनोरंजन की गुणवत्ता में लगातार सुधार की बात को माना है।

लेकिन सबसे कम वेतन पाने वाले अप्रवासी आस्ट्रेलिया और बेल्जियम में रह रहे हैं। इनका प्रतिशत क्रमशः 63 और 61 है जबकि कमाई एक लाख डॉलर (करीब 47 लाख रुपये) से भी कम पाई गई है। सर्वे में यह भी पाया गया कि थाईलैंड ऐसा देश है जहा प्यार की तलाश सबसे आसानी से पूरी हो जाती है जबकि यहाँ की स्थानीय भाषा को सीखने में अप्रवासियों को सबसे ज्यादा कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।

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