बी‍‍जिंग में जय, कोलम्बो में पराजय

Webdunia
सोमवार, 11 अगस्त 2008 (19:39 IST)
भारतीय खेलों के लिए 11 अगस्त का दिन जहाँ ओलिम्पिक में शुभ रह ा, वहीं कोलम्बो में भारतीय क्रिकेट के लिए अशुभ साबित हो गया।

बीजिंग ओलिम्पिक में निशानेबाज अभिनव बिन्द्रा ने पुरषों की 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा में स्वर्ण जीता और ओलिम्पिक इतिहास में व्यक्तिगत स्वर्ण जीतने वाले पहले भारतीय बन ग ए, जबकि कोलम्बों में भारत ने श्रीलंका से तीसरा और अंतिम टेस्ट आठ विकेट से गँवाने के साथ ही श्रृंखला भी 1-2 से गँवा दी।

क्रिकेट को 'धर्म' की तरह पूजने वाले देश में आखिर उस निशानेबाज की जयजयकार हो गई, जिसने भारतीय खेलों में नया इतिहास रच दिया। राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री तथा देश के सभी बड़े नेताओं ने एक ही झटके में देश के 'लाड़ले' बन गए, अभिनव को एक स्वर में बधाई दी, लेकिन हमेशा चर्चा में रहने वाली क्रिकेट टीम अपनी हार के बाद उपेक्षित नजर आई।

अनिल कुंबले की भारतीय टीम को उसकी कोलम्बो पराजय के बाद जैसे कोई पूछने को तैयार नहीं था। देश भर में किसी की भी यह जानने की इच्छा नहीं थी कि भारतीय टीम की हार की वजह क्या थी। टेस्ट के पहले दिन भारतीय बल्लेबाजी के हश्र को देखकर सबने टीम इंडिया की पराजय को स्वीकार कर लिया था।

दूसरी तरफ सारा देश अभिनव की 'गोल्डन उपलब्धि' पर फिदा नजर आ रहा है। टीवी चैनल सुबह अभिनव के स्वर्ण जीतने की खबर आने के बाद से ही उनका गुणगान करने में लगे है। उनके परिवार, दोस्तों से लेकर उनके पूर्व कोच तक ओलिम्पिक अधिकारियों से लेकर भारतीय राष्ट्रीय राइफल संघ के अधिकारियों तक तथा मुख्यमंत्रियों से लेकर नेताओं तक के बधाई संदेश लगातार प्रसारित किए जा रहे हैं।

बीजिंग ओलिम्पिक की शुरुआत आठ अगस्त को उद्घाटन समारोह के साथ हुई थी जबकि भारत और श्रीलंका के बीच तीसरा एवं निर्णायक टेस्ट भी आठ अगस्त को ही शुरु हुआ।

बीजिंग ओलिम्पिक के पहले दो दिन भारतीय खिलाड़ियों का प्रदर्शन निराशाजनक रहा। अंजलि भागवत, अवनीत कौर सिद्धू, मानवजीत सिंह संधू, मनशेरसिंह और समरेशसिंह जैसे निशानेबाज पहले दो दिन अपने लक्ष्यों से भटक गए1 महिला तीरंदाजी टीम क्वार्टर फाइनल में मेजबान चीन से हार गई1 मुक्केबाज दिनेश कुमार भी पहले राउंड में पिट गए।

जूडोका, तैराक और नाविकों का प्रदर्शन भी अच्छा नहीं रहा लेकिन अभिनव ने खेलों के तीसरे दिन स्वार्णिम सफलता हासिल कर सभी असफलताओं को पीछे छोड़ दिया।

कोलम्बो टेस्ट में पहले दिन भारतीय बल्लेबाजी 249 रन पर लुढ़क गई। भारतीय बल्लेबाजी एक बार फिर रहस्यमयी स्पिनर अजंता मेंडिस की गेदों का सामना नहीं कर सके।

पहली पारी में 147 रन से पिछड़ने के बाद दस अगस्त को जब तीसरे दिन का खेल समाप्त हुआ तो भारत को उम्मीद थी कि राहुल द्रविड़ और वीवीएस लक्ष्मण 2001 का इतिहास दोहरा देंगे जब इन दोनों बल्लेबाजों ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मैराथन साझेदारी कर भारत को ऐतिहासिक जीत दिलाई थी।

लेकिन इस बार ऐसा कुछ नहीं हुआ1 भारत 11 अगस्त को निर्णायक टेस्ट आठ विकेट से हार गया। बीजिंग में जहाँ अभिनव ने चमत्कारिक प्रदर्शन किया वहीं कोलम्बो में कुंबले के सूरमा कोई चमत्कार नहीं दिखा सके और क्रिकेट के देश में आखिर ओलिम्पिक की 'जय' हो गई।

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