कोयल की कुहू-कुहू !

Webdunia
WD
बसंत ऋतु में अमराइयों के बीच से कोयल बोल उठती है कुहू-कुहू और एक साथ सहसा सैकड़ों लोगों के हृदय के तार झंकृत हो उठते हैं। संत हृदय में भी प्रेम व्यथा जगाने की शक्ति कोयल के अलावा किसी पक्षी में नहीं है।

ऐसा कौ न- सा हृदय होगा जिसे मदभरी कोयल की कूक ने तड़पाया नहीं होगा, रुलाया नहीं होगा? साहित्य में सहस्रों पंक्तियाँ इसकी प्रशंसा में लिखी जा चुकी हैं। चकोर, मुर्गा, चकवा तथा कबूतर आदि पक्षी तभी तक अपनी-अपनी बोलियाँ सुनाते हैं जब तक बसंत की प्रभात बेला में कोयल अपना कुहू-कुहू शब्द नहीं सुनाने लगती।

उत्तरी भारत के पर्वतीय क्षेत्र की कोयल समतल क्षेत्रों की अपेक्षा देखने में सुंदर अवश्य है परंतु उसके गले में न तो वह सोज है न वह साज जो समतल क्षेत्रों की कोयल में है। अँगरेजी के प्रसिद्ध कवि वर्ड्‌सवर्थ ने कोयल की कूक के संबंध में कहा था 'ओ, कुक्कु शेल आई कॉल दी बर्ड, ऑर, बट अ वान्डरिंग वॉयस?

कुकू, तुम्हें मैं पक्षी कहूँ या कि एक भ्रमणशील स्वर मात्र?
  ऐसा कौन-सा हृदय होगा जिसे मदभरी कोयल की कूक ने तड़पाया नहीं होगा, रुलाया नहीं होगा? साहित्य में सहस्रों पंक्तियाँ इसकी प्रशंसा में लिखी जा चुकी हैं। चकोर, मुर्गा, चकवा तथा कबूतर आदि पक्षी तभी तक अपनी-अपनी बोलियाँ सुनाते हैं।      


मादा कोयल अपने अंडों को कौए के घोंसले में रखकर उस धूर्त पक्षी को मूर्ख बनाकर स्वार्थ सिद्ध करने में दक्ष होती है। उसकी इस प्रवृत्ति को महाकवि कालिदास ने विहगेषु पंडित की उपाधि प्रदान की है। यजुर्वेद में इसे अन्याय (दूसरे के घोंसले में अपना अंडा रखने वाला पक्षी) कहा है। काग दंपति बड़े लाड़-प्यार से कोयल के बच्चों को अपनी संतान समझकर पालते-पोसते हैं और जब वे उड़ने योग्य हो जाते हैं तो एक दिन चकमा देकर पलायन कर जाते हैं। यही नहीं, घोंसले में यदि कौए की कोई वास्तविक संतान रही हो तो मौका देखकर उसे जन्म के कुछ ही दिन बाद नीचे गिरा डालते हैं।

कोयल के नवजात शिशु में यह धूर्तता तथा कौओं के प्रति विद्वेष की भावना नि:संदेह वंश गुण और संस्कार से ही प्राप्त होते हैं।

दूसरों के द्वारा पाले जाने के कारण ही कोयल संस्कृत में परभृता कहलाई है। अभिज्ञान शाकुंतलम में जब शकुन्तला महाराज दुष्यंत की स्मृति जगाने की चेष्टा करती है तो वे कहते हैं- हे गौतमी, तपोवन में लालित-पालित हुए हैं, यह कहकर क्या इनकी अनभिज्ञता स्वीकार करनी पड़ेगी? मनुष्य से भिन्न जीवों की स्त्रियों में भी जब आप से आप पटुता आ जाती है तो फिर बुद्धि से युक्त नारी में यह प्रकट हो, इसमें आश्चर्य ही क्या? मादा कोयल, अंतरिक्ष गमन के पहले अपनी संतान की अन्य पक्षी द्वारा पालन-पोषण की व्यवस्था कर लेती है।

खैर कुछ भी हो कोयल की आवाज का जादू इतना गहरा होता है कि बाकी की सारी बातें बेमानी हो जाती हैं।

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

होली पर जलाएं आटे के 5 दीपक, कर्ज से करेंगे मुक्त

होलाष्टक के दिनों में करना चाहिए ये 3 कार्य, हर समस्या का होगा हल

सूर्य का मीन राशि में गोचर, 12 राशियों का राशिफल

औरंगजेब ने कितने और कौन कौन से हिंदू मंदिर तुड़वाए थे?

धुलेंडी के दिन क्या क्या करते हैं, जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त

सभी देखें

धर्म संसार

Aaj Ka Rashifal: आज इन 3 राशियों के लोग जल्दबाजी में न लें डिसीजन, पढ़ें 10 मार्च का राशिफल

10 मार्च 2025 : आपका जन्मदिन

10 मार्च 2025, सोमवार के शुभ मुहूर्त

Weekly Horoscope 10 To 16 March 2025 : इस सप्ताह किन राशियों के चमकेंगे सितारे, पढ़ें साप्ताहिक भविष्‍यफल

Aaj Ka Rashifal: 09 मार्च का दिन क्या लाया है मेष से मीन राशि के लिए, जानें दैनिक राशिफल