नई पीढ़ी और भारतीय संस्कृति का भविष्य

- मां अमृत साधना

Webdunia
ND

आजकल बड़े बुजुर्ग इस बात को लेकर चिंतित हैं कि धर्म के रीति-रिवाज, क्रियाकांड में नई पीढ़ी को कोई दिलचस्पी नहीं है और पाश्चात्य संस्कृति हावी होती जा रही है। समाज दिशाहीन हो रहा है, युवाओं को अतीत के प्रति कोई सम्मान नहीं है।

यह उन लोगों की दृष्टि है जो चीजों को गहरे पैठकर देख नहीं सकते। भारतीय संस्कृति या कोई भी संस्कृति जिसके आधार वास्तविक धर्म में हैं, कभी नष्ट नहीं हो सकती। हां, उसके रंग-रूप बदल सकते हैं, उसे पालन करने वालों की शैली बदल सकती है, प्राचीन सूत्रों की व्याख्याएं बदल सकती हैं लेकिन धर्म की जो बुनियाद है वह समय के पार है। पीढ़ियां आती हैं, जाती हैं, धर्म स्थिर रहता है। वक्त की धूल उसे उड़ा नहीं सकती।

हाल ही में मैं सिडनी, ऑस्ट्रेलिया गई थी। परिवार में एक विवाह था। खैर, विवाह तो एक बहाना था, मुझे यह देश देखना था। इसकी सुंदरता के बारे में बहुत सुना जो था।

ND
इधर मन ही मन चल रहा था, भारत से पांच हजार मील दूर देश में हिन्दू विवाह कैसे होगा? विवाह संस्कार एक लंबा और पेचीदा समारोह होता है। उसके अंतर्गत होने वाली अनगिनत विधियां और छोटी-छोटी रस्में क्या उस पराई भूमि में हो पाएंगी? लेकिन वहां जो देखा वह एक सुखद आश्चर्य था।

सिडनी में नई पीढ़ी के जेहन में भारतीय संस्कृति न केवल जी रही है, वरन पनप रही है। अक्सर देखा गया है कि भारतीय विदेश में रहते हैं वे अपनी संस्कृति और धर्म को कसकर पकड़े रहते हैं बनिस्बत उनके जो भारत में ही रहते हैं। क्योंकि अजनबी देश में, अजनबियों के बीच अपनी संस्कृति ही उनकी पहचान होती है, वही उनको जड़ें देती है। सिडनी में लगभग दस हजार भारतीय रहते हैं। स्वभावतः उनके धार्मिक तीज-त्योहार भी उनके साथ आ जाते हैं। और नियम है कि जहां मांग है, वहां पूर्ति है। सो इन त्योहारों को मनाने के लिए वहाँ पर पंडितगण भी तैयार हो गए हैं।

खास बात यह कि उनमें से कई पंडित विदेशी हैं, एक इसराइल से आए हुए यहूदी विद्वान भारतीय संस्कृति से इतने आकर्षित हुए कि वे भारत आकर दस साल काशी और ऋषिकेश में रहे और उन्होंने बाकायदा हिन्दू धर्म में दीक्षा ली, पूरे वेद-मंत्र सीखे और पुरोहित का दर्जा विधिवत प्राप्त किया।

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

सावन मास में कितने और कब कब प्रदोष के व्रत रहेंगे, जानिए महत्व और 3 फायदे

शुक्र का वृषभ राशि में गोचर, 3 राशियों के लिए होगी धन की वर्षा

देवशयनी एकादशी पर करें इस तरह से माता तुलसी की पूजा, मिलेगा आशीर्वाद

sawan somwar 2025: सावन सोमवार के व्रत के दौरान 18 चीजें खा सकते हैं?

एक्सीडेंट और दुर्घटनाओं से बचा सकता है ये चमत्कारी मंत्र, हर रोज घर से निकलने से पहले करें सिर्फ 11 बार जाप

सभी देखें

धर्म संसार

04 जुलाई 2025 : आपका जन्मदिन

क्या महिलाएं भी कर सकती हैं कांवड़ यात्रा? जानिए इस यात्रा पर जाने वाले कांवड़ियों का इतिहास, कौन कौन कर सकता है ये यात्रा

04 जुलाई 2025, शुक्रवार के शुभ मुहूर्त

कावड़ यात्रा के इन नियमों के बिना नहीं मिलता पुण्य, पढ़िए पूरी जानकारी

बोल बम, खड़ी, झूला या डाक, आखिर कौन सी कांवड़ यात्रा होती है सबसे कठिन?