इंदौर की बिजासन माता टेकरी का दुर्गा मंदिर

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- श्रुति अग्रवाल

या देवी सर्वभू‍तेषु माँ शक्तिरूपेण संस्थिता।
नमस्तयै नमस्तयै नमस्तयै नमो नम:।।

पूरे देश में चैत्र नवरात्र की धूम है। माता के मंदिर में भक्तों की लंबी कतारें लगी हैं। वेबदुनिया भी धर्मयात्रा में आपको दर्शन करा रहा है इंदौर की बिजासन माता के। मंदिर में चैत्र नवरात्र के नौ दिन लगातार शतचंडी महायज्ञ किया जा रहा है। यज्ञलाभ लेने के लिए यहाँ अलसुबह से ही भक्तों का ताँता लग जाता है। मंदिर में माता की पाषाण मूर्तियाँ विराजमान हैं।

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वैष्णोदेवी की मूर्तियों के समान यहाँ भी माँ की पाषाण पिंडियाँ हैं। मंदिर के पुजारियों का मानना है कि ये पिंडियाँ स्वयंभू हैं। ये मूर्तियाँ यहाँ कब से प्रतिष्ठित हैं, इस बारे में ऐतिहासिक प्रमाण नहीं है। पुजारियों का कहना है कि सैकड़ों सालों से ये पिंडियाँ यहीं प्रतिष्ठित हैं, जिनकी यहाँ के निवासी पूजा-अर्चना करते थे।

पहले पहल यह टेकरी होलकर राजघराने की शिकारगाह हुआ करती थी। एक बार शिकार खेलते हुए राजघराने के सदस्यों की निगाह इस मंदिर पर गई, तब 1920 में यहाँ पक्का मंदिर निर्मित कराया गया। तब से लेकर आज तक इस मंदिर में भक्तों का ताँता लगा रहता है। यहाँ आने वाले भक्तों का कहना है कि यहाँ माँगी मुराद अवश्य पूरी होती है।

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मंदिर प्रांगण में एक पवित्र तालाब भी है। इस तालाब में बड़ी तादाद में मछलियाँ हैं। मंदिर दर्शन करने आने वाले भक्तों की मान्यता है कि मछलियों को दाना खिलाने से पुण्य मिलता है और माँ उनकी मुराद जरूर पूरी करती हैं।

मंदिर में हर नवरात्र को मेला भरता है। टेकरी के ऊपर से शहर का मनोरम दृश्य दिखाई देता है। मंदिर के पास ही अन्य टेकर‍ियों पर गोम्मटगिरि और ह्रींकारगिरि नामक पवित्र जैन स्थल हैं। यहाँ हर साल जैनमुनि चातुर्मास के समय आते हैं।

कैसे जाएँ- इंदौर को मध्यप्रदेश की व्यावसायिक राजधानी माना जात ा है। यह देश के एक प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्ग (आगरा-मुंबई) से जुड़ा हुआ है। आप दे श के किसी भी हिस्से से यहाँ सड़ क, रेल या वायुमार्ग से आसानी से पहुँच सकते हैं। यह मंदिर इंदौर एयरपोर्ट से महज दो मिनट की दूरी पर स्थित है।

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