Festival Posters

गंदे नाले में नहाओ, भूत-प्रेत भगाओ!

Webdunia
- श्रुति अग्रवाल
WD

घुटी-घुटी चीखें, हर तरफ सिसकियों की आवाज, रोना-कलपना, चीखना-चिल्लाना। यह भयावह मंजर है जावरा की हुसैन टैकरी का। इस टेकरी के बारे में हमने काफी कुछ सुन रखा था।

सोचा, क्यों न सबसे पहले जायजा लिया जाए इस टेकरी का, जहां भूत-प्रेत भगाने के नाम पर लोगों से नाना प्रकार के खटकर्म कराए जाते हैं। टेकरी पर जाने के लिए हमने सुबह का वक्त चुना। हमारी घड़ी में सुबह के सात बज रहे थे और हम अपनी मंजिल हुसैन टेकरी पर पहुंच चुके थे।

टेकरी का मुख्य द्वार आया ही था कि हमें पागलों की तरह झूमती दो औरतें मिलीं। जमुनाबाई और कौसर बी नामक ये औरतें लगातार अरे बाबा रे... कहते हुए अजीब-अजीब आवाजें निकाल रही थीं। इनकी चीखें सुन अच्छे-अच्छों की घिग्घी बंध जाना स्वाभाविक था।

इनके बारे में ज्यादा जानने के लिए हमने साथ आए लोगों से बातचीत की। जमुनाबाई के पति ने बताया कि पिछले कई दिनों से जमुना का व्यवहार बदल गया था। वह पागलों की तरह हरकतें करती थी। तब गांव के फकीर ने बताया कि जमुना पर डायन का साया है। उसे हुसैन टेकरी ले जाओ।

WD
हम दो हफ्ते पहले उसे यहां लेकर आए हैं। यहां धागा बांधते ही जमुना को हाजिरी (कथित तौर पर उसके अंदर की बला बात करने लगी) आने लगी है (जमुना ने अजीब तरह से चीखना-चिल्लाना शुरू कर दिया)। हमें लगता है कि यहां पांच जुम्मे बिताने के बाद वह ठीक हो जाएगी।

इनसे बातचीत कर हम हजरत इमाम हुसैन के रोजे में दाखिल हुए। वहां का मंजर देख हम भौंचक रह गए। हर तरफ औरतें चीख-चिल्ला रही थीं, अपना सिर पटक रही थीं, धूप से तपते फर्श पर लोट लगा रही थीं, बेड़ियों से जकड़े आदमी सिसक रहे थे।

इन्सानों से जानवरों की तरह व्यवहार? क्या यहां ऐसा ही होता है। बात की तह तक पहुंचने के लिए हमने टेकरी के कार्यकारी अधिकारी तैमूरी साहब से संपर्क किया।

तैमूरी साहब ने बताया कि किसी भी तरह की प्रेत-बाधा से पीड़ित व्यक्ति को यहां के पानी से नहलाया जाता है। उसके बाद वह एक धागा यहां बनी जालियों पर बांधता है और दूसरा अपने गले में। कहते हैं, धागा बांधने के कुछ समय बाद पीड़ित लोग झूमने लगते हैं। ऐसे लोगों को यहां पास बने तालाब में नहाने की हिदायत दी जाती है।

यह सुनकर हमारे कदम खुद-ब-खुद तालाब की तरफ उठ गए। तालाब का मंजर देख हमारी रूह कांप गई। तालाब के नाम पर यहां गंदे पानी का नाला था, जिसमें यहां बनी सराय का मल-मूत्र लगातार आकर मिल रहा था। मानसिक रोगियों की तरह नजर आने वाले ये लोग लगातार इस पानी में नहा रहे थे, कुछ तो कुल्ला तक कर रहे थे।

खुदा जाने इस गंदगी में नहाने से ये लोग ठीक होंगे या बीमार, लेकिन यह सोचने का वक्त किसके पास है। हमने गंदे पानी में खेल रही एक बच्ची सकीना से पूछा बेटा आपको क्या तकलीफ है, आप यहां क्यों नहा रही हो। बच्ची ने मासूमियत से जवाब दिया मेरी मां पर डायन का साया है। मां का असर मुझे भी आ जाएगा, इसलिए नहाती हूं। इतना कहकर बच्ची नाले में कूद गई।

फिर हम सकीना की मां शहबानो से मुखातिब हुए। हमने पूछा सक्कू बीमार पड़ गई तो, मां ने जवाब दिया पिछले चार सालों से तो नहीं पड़ी। चार साल? हमें यह शब्द हथौड़े की तरह लगे।

तभी पता चला कि सुबह का पहला लोबान होने वाला है। यह सुनते ही सभी लोगों ने रोजे की तरफ दौड़ लगा दी। रोजा लोगों से ठसाठस भरा था। हर तरफ ऐसे लोग, जिन पर ऊपरी हवा या जादू-टोने का असर था, झूम रहे थे। अजीबोगरीब आवाजें निकाल रहे थे। तभी लोबान शुरू हुआ। लोबान का धुआं लेते ही झूमते हुए लोग एकाएक गिरने लगे। हमें बताया गया कि ऐसे ही इन लोगों का इलाज होता है। ऊपरी हवा से पीड़ित लोगों को सुबह-शाम लोबान लेना बेहद जरूरी है।

इलाज की इस अजीबोगरीब प्रकिया को जानने के बाद हमने यहां के मुतवल्ली नवाब सरवर अली से मुलाकात की। नवाब साहब का कहना था कि हमारे यहां कोई मौलवी, तांत्रिक या पुजारी नहीं हैं। जो कुछ भी होता है, हुसैन साहब की रज़ा से होता है। गंदे पानी से गुसल करने, लोगों को जंजीर से बांधने को वो खुदा की ओर से गंदी हवाओं को मिलने वाली सजा बताते हैं। कहते हैं इससें आम इनसान को कोई तकलीफ नहीं होती, सिर्फ गंदी ताकतों को तकलीफ होती है।

फोटोगैलरी देखने के लिए यहां क्लिक करें
हमने हुसैन टेकरी पर पूरा दिन बिताया। यहां सजदा करने वाले कई लोगों से बातचीत की। कइयों ने बताया कि हुसैन टेकरी पर उनकी अटूट आस्था है। इन लोगों में हिंदू और मुसलमान दोनों ही शामिल थे। कई लोग ऐसे भी थे जो मन्नत पूरी हो जाने के बाद मनौती के लिए तुलादान कर रहे थे। ऐसे ही एक शख्स पवन ने बताया वे आज जो कुछ भी हैं बाबा साहब के ही कारण हैं। बाबा ने ही उन्हें धन-दौलत-शोहरत से नवाजा है। अब वे अपनी बीमार औलाद पर बाबा का करम चाहते हैं।

टेकरी पर पूरा दिन बिताने के बाद हमने महसूस किया कि यहां आने वाले रोगियों में से अस्सी प्रतिशत महिलाएं हैं और ये सभी निम्न वर्ग से संबंधित हैं। वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो ऊंची तालीमयाफ्ता होने के बाद भी मानते हैं कि उन पर जादू-टोना किया गया है, बदरूहों का साया है। ऐसे ही एक छात्र हैं इरफान, जो अमेरिका में पढ़ाई करते हैं, लेकिन जादू-टोने के कारण लंबे समय से यहा की सराय में रह रहे हैं। ये दिन-रात रोजों में दुआ मांगते और हुसैन साहब का मातम मनाते हैं। इनका मानना है कि यहां आने के बाद रूहानी सुकून मिलता है।


हुसैन टेकरी के अजीबोगरीब मंजर ने हमारी रात की नींद उड़ा दी। अगले दिन हमने मनोचिकित्सिकों से संपर्क किया और यह जानने की कोशिश की कि कोई खुद-ब-खुद अपने शरीर को इतनी तकलीफ कैसे दे सकता है। इस बात पर मनोचिकित्सक डॉ. दीपक मंशारमानी का कहना था कि दे सकता है, यदि वह व्यक्ति मानसिक संतुलन खो दे।

डॉ. मंशारमानी बताते हैं 'बदरूहें लगना' को हम मेडिकल भाषा में 'हिस्टीरिया' का दौरा कहते हैं, जिसमें इन्सान पागलों की तरह लगातार झूमता रहता है। इसके साथ ही 'सीडोसीरस' नामक एक बीमारी होती है, जिसमें मिर्गी के दौरे के समान दौरे पड़ते हैं। इसी तरह कुछ लोग गुमसुम हो जाते हैं। हम ऐसी बीमारियों का इलाज मरीज से बातचीत करके उसकी मानसिक स्थिति खराब होने के पीछे का कारण जान कर करते हैं।

ऐसे मरीजों का इलाज बेहद आसानी से किया जा सकता है। भूत-प्रेत, ऊपरी हवा की मान्यताएं निचले तबके के लोगों में ज्यादा हैं। ये लोग अभी तक सौ साल पुराने युग में जी रहे हैं। जरूरी है इन तक चिकित्सकीय सुविधाएं पहुंचाना। इस तरह के नीम-हकीमी इलाज अपनाने से हलके दौरे से शुरू हुई बीमारी पूरी तरह पागलपन में भी बदल सकती है।

एक तरफ विज्ञान का ज्ञान तो दूसरी तरफ लोगों का अटूट विश्वास, दोनों ही हमें सिक्के के दो पहलुओं की तरह लगे, लेकिन जावरा की हुसैन टेकरी के प्रति प्रशासन की उदासीनता सचमुच चिंता का विषय है।

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

Margashirsha month: धर्म कर्म के हिसाब से मार्गशीर्ष महीने का महत्व और मोक्ष मार्ग के उपाय

कृष्ण पक्ष की अष्टमी को क्यों कहते हैं कालाष्टमी?

Baba Vanga Prediction: बाबा वेंगा की भविष्यवाणी: साल खत्म होते-होते इन 4 राशियों पर बरसेगी माता लक्ष्मी की कृपा

Nag Diwali 2025: नाग दिवाली क्या है, क्यों मनाई जाती है?

Baba vanga predictions: क्या है बाबा वेंगा की 'कैश तंगी' वाली भविष्यवाणी, क्या क्रेश होने वाली है अर्थव्यवस्था

सभी देखें

धर्म संसार

15 November Birthday: आपको 15 नवंबर, 2025 के लिए जन्मदिन की बधाई!

Aaj ka panchang: आज का शुभ मुहूर्त: 15 नवंबर, 2025: शनिवार का पंचांग और शुभ समय

Dreams and Destiny: सपने में मिलने वाले ये 5 अद्‍भुत संकेत, बदल देंगे आपकी किस्मत

Sun Transit 2025: सूर्य के वृश्‍चिक राशि में जाने से 5 राशियों की चमक जाएगी किस्मत

Vrishchika Sankranti 2025: 15 या 16 नवंबर, कब है सूर्य वृश्चिक संक्रांति, जानें महत्व और पूजन विधि