माघ स्नान की पौराणिक कथा

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ए क पौराणि क कथ ा क े अनुसा र स्कंदपुराण के रेवाखंड में माघ स्नान की कथा के उल्लेख में आया है कि प्राचीन काल में नर्मदा तट पर शुभव्रत नामक ब्राह्मण निवास करते थे।

वे सभी वेद शास्त्रों के अच्छे ज्ञाता थे। किंतु उनका स्वभाव धन संग्रह करने का अधिक था। उन्होंने धन तो बहुत एकत्रित किया।

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वृद्घावस्था के दौरान उन्हें अनेक रोगों ने घेर लिया। तब उन्हें ज्ञान हुआ कि मैंने पूरा जीवन धन कमाने में लगा दिया अब परलोक सुधारना चाहिए। वह परलोक सुधारने के लिए चिंतातुर हो गए।

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अचानक उन्हें एक श्लोक याद आया जिसमें माघ मास के स्नान की विशेषता बताई गई थी।

शुभव्रत उसी श्लोक के आधार पर नर्मदा में स्नान करने लगा। इसी बीच उनका स्वास्थ्य और अधिक खराब हो गया और उन्होंने प्राण त्याग दिए। माघ मास के स्नान करने से उन्हें स्वर्ग की प्राप्ति हुई ।

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