और तुम वहाँ रुकी मिलो

Webdunia
पल्लव

एक बार फिर

काश, एक बार फिर

मैं निकलूँ उस मोड़ पर

और तुम वहाँ रुकी मिलो

करती हुई इंतजार।

मैं नहीं जानता

कि वह कौन है

जिसकी तुम्हें प्रतीक्षा है।

मैं देखूँ तुम्हें क्षणभर

अपलक, अकिंचन

और वहाँ से चला जाऊँ

काश, एक बार फिर।
Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

रात में Wi Fi राउटर बंद करने से क्या होता है? क्या हेल्थ पर पड़ता है कोई असर?

चाणक्य की इन बातों से जानें जीने की कला, अगर सीख ली तो कदमों में होगी दुनिया

क्या महिलाओं को भी होता है स्वप्नदोष, क्या कहते हैं डॉक्टर्स?

1 मिनट से लेकर 1 घंटे तक चलने के हैरान कर देने वाले फायदे, जानिए हर मिनट के साथ आपके शरीर में क्या बदलता है?

ऑपरेशन सिंदूर की कर्नल सोफिया कुरैशी का रानी लक्ष्मीबाई से क्या है कनेक्शन

सभी देखें

नवीनतम

हर आदमी को पता होनी चाहिए दिल के दौरे की ये शुरुआती निशानियां

बरखा की बूंदों में भीगी ये शायरी पढ़ कर दिल हो जाएगा तरोताजा

हेयर ट्रांसप्लांट ने लील ली 2 जिंदगियां, जानिए कितनी सेफ है ये सर्जरी, संभावित खतरे और किन लोगों को नहीं करवाना चाहिए ट्रांसप्लांट

वेट लॉस के लिए बेहद असरदार है जापानी वॉक, सिर्फ 30 मिनट में बर्न करें 10,000 कदम चलने जितनी कैलोरी

Family Day quotes: अंतरराष्ट्रीय परिवार दिवस पर पढ़ें दिल को छू जाने वाले कोट्‍स