तुम्हारे ख़त

Webdunia
- फाल्गुनी

बहुत सहेज कर रखे हैं
अब भी वैसे ही हैं
जैसे तुमने दिए थे
लेकिन इसमें अंकित शब्द
अतीत के हाथों, कुछ तुम्हारे हाथों,
स्वयं मेरे ही हाथों
मारे जा चुके हैं
इन मृत शब्दों की
अंत्येष्टि में आमंत्रित हो तुम
क्योंकि तुम्हारी श्रद्धांजलि ही
उन्हें मोक्ष दिला सकती है
उन्हें स्वर्गिक बना सकती है
Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

पीसफुल लाइफ जीना चाहते हैं तो दिमाग को शांत रखने से करें शुरुआत, रोज अपनाएं ये 6 सबसे इजी आदतें

हवाई जहाज के इंजन में क्यों डाला जाता है जिंदा मुर्गा? जानिए क्या होता है चिकन गन टेस्ट

स्टडी : नाइट शिफ्ट में काम करने वाली महिलाओं को अस्थमा का खतरा ज्यादा, जानिए 5 कारण

हार्ट हेल्थ से जुड़े ये 5 आम मिथक अभी जान लें, वरना पछताएंगे

बारिश के मौसम में मच्छरों से होने वाली बीमारियों से कैसे बचें? जानिए 5 जरूरी टिप्स

सभी देखें

नवीनतम

बारिश के मौसम पर सबसे खूबसूरत 10 लाइन

क्या कोलेस्ट्रॉल में आलू खाना सही है? जानिए आलू खाना कब नुकसानदायक है?

इन 5 लोगों नहीं खाना चाहिए चॉकलेट, सेहत पर पड़ सकता है बुरा असर

कैसे होती है विश्व युद्ध की शुरुआत, जानिए क्या हर देश का युद्ध में हिस्सा लेना है जरूरी

भारी वर्षा में क्या करें, जानें कैसी हो घर और आसपास की तैयारी