तुम्हारे जाने का अहसास

Webdunia
फाल्गुनी

सिर्फ, एक छोटा-सा पल
तुम्हें लेकर आया मुझ तक,
और जैसे मैंने जी लिया एक पूरा युग।

उस एक संक्षिप्त पल में
गुजरी मुझ पर एक साथ
भीनी हवाओं की नर्म थपकियाँ
मीठी शीतल सावन बूँदें और
बिखरी कच्ची टेसू पत्तियाँ...

कानों में घुलती रही
तुम्हारी नीम गहरी आवाज
आँखों में चमकती रही
तुम्हारी शहदीया दो आँख।

अँगुलियों में महकता रहा
तुम्हारे जाने का अहसास
दिल की गुलमोहर बगिया में
खिली देर तक एक सुहानी आस।

सामने थे तब कितनी दूर थे तुम
अब जब कहीं नहीं हो तब
कितने पास....बनकर खास!
एक मधुरिम प्यास..!
Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

21 जून योग दिवस 2025: सूर्य नमस्कार करने की 12 स्टेप और 12 फायदे

हर यंगस्टर को रोज करना चाहिए ये 5 योगासन

21 जून योग दिवस का इतिहास, जानें 2025 की थीम से हम क्या सीखें

योग दिवस 21 जून को ही क्यों मनाया जाता है, जानें कारण और इसका महत्व

21 जून योग दिवस 2025: अनुलोम विलोम प्राणायाम करने के 10 फायदे

सभी देखें

नवीनतम

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस: मानवता के लिए अमूल्य उपहार है योग

चिंता करने का भी तय करें टाइम, एंजाइटी होगी मिनटों में दूर

डिलीवरी के बाद अगर आपको भी स्ट्रेच मार्क की है चिंता तो अपनाइए ये टिप्स, नहीं पड़ेंगे निशान

विश्व योग दिवस 2025: योग से कैसे भगाएं गंभीर किस्म के रोग?

योग पर सबसे बेहतरीन कविता: योग, जीवन की राह