बहुत बची हूँ मैं

Webdunia
फाल्गुन ी

बहुत बची हूँ मैं
तुम्हारी यादों से
आज अचानक
वो सामने आ खड़ी हुई तो
मैंने अवश होकर
द्वार खोल दिया
हृदय का,
बस इसी वक्त
तुम्हारी यादें
रूठकर चली गईं
बिल्कुल तुम्हारी तरह
इस वक्त मैं
भरी कलम और रिक्त कागज
लिए बैठी
सोच रही हूँ
क्या लिखूँ
तुम और तुम्हारी यादों के बारे में
बगैर किसी
अपराध के दोनों जब
लौट गए मेरे द्वारे से
---------
2. प्यार
समुद्र तट पर
रेत से लिखा शब्द नहीं
जो संकटों की लहरों से बह जाए
यह तो वह समंदर है
जो किनारे पर खड़े संकटों को बहा देता है
Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

विमान निर्माता बोइंग है ऊंची दुकान, फीके पकवान

बारिश के मौसम पर सबसे खूबसूरत 10 लाइन

क्या कोलेस्ट्रॉल में आलू खाना सही है? जानिए आलू खाना कब नुकसानदायक है?

इन 5 लोगों को नहीं खाना चाहिए चॉकलेट, सेहत पर पड़ सकता है बुरा असर

कैसे होती है विश्व युद्ध की शुरुआत, जानिए क्या हर देश का युद्ध में हिस्सा लेना है जरूरी

सभी देखें

नवीनतम

क्या बारिश में दही खाने से होता है नुकसान, जानिए सच्चाई

ईरान की सैन्य क्षमता से अब दुनिया में दहशत

मानसून में क्यों बढ़ जाता है आई फ्लू का खतरा, जानिए लक्षण और ऐसे करें बचाव

द्रौपदी मुर्मू : संघर्ष के दिनों को पार कर देश के सर्वोच्च पद तक पहुंचने वाली भारत की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति की प्रेरणादायक कहानी

सलमान खान को हुई ‘ब्रेन एन्यूरिज्म’ नामक गंभीर बीमारी, जानिए लक्षण और इलाज