शेयर बाजार की दिशा का अहम समय

Webdunia
- कमल शर्म ा
भारतीय शेयर बाजार के लिए चार मई से शुरू हो रहा सप्‍ताह बेहद अहम है और 16 मई तक शेयर बाजार अनेक उतार-चढ़ाव का सामना करता रहेगा। स्वॉइन फ्लू और राजनीतिक जोड़तोड़ इन दो सप्‍ताहों में शेयर बाजार की अगली दिशा तय कर देंगे।

हालाँकि, लोकसभा के नतीजों से ही यह पता चल सकेगा कि दिल्‍ली में किस दल के हाथ कुर्सी लगेगी और उसके मित्र दल कौन-कौन होंगे, लेकिन नतीजों से पहले ही जिस तरह की हलचल राजनीतिक गलियारों में हो रही है उसका आम जनता से मिले वोट से कोई सरोकार नहीं है। केवल व्‍यक्तिगत स्‍वार्थ को सर्वोपरि रखा जा रहा है क्‍योंकि जनता से तो अब पाँच साल बाद ही मिलना है।

शेयर बाजार की इस रिपोर्ट में पिछली बार भारतीय उपमहाद्वीप की बदल रही स्थिति का जिक्र किया था कि श्रीलंका, पाकिस्‍तान और भारत में ऐसे कारक बन रहे हैं कि आने वाले वर्ष भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था के होंगे। श्रीलंका में तमिल चीतों का काफी दम निकल गया है, जबकि पाकिस्‍तान में ओबामा प्रशासन ने जरदारी को कमजोर खिलाड़ी मानते हुए नवाज शरीफ से पींगें बढ़ाना शुरू कर दिया है ताकि उन्‍हें कुर्सी का आनंद देने की एवज में तालिबान को पाकिस्‍तान में घेरकर मारा जा सके।

  सेंसेक्‍स यदि 11600 के पार बंद नहीं होता है और यह 11400 के स्‍तर को तोड़ देता है तो यह नीचे में 11160 अंक तक आने की आशंका है      
तालिबान से हर देश परेशान हैं और अमेरिका को सभी का इस मुद्दे पर समर्थन मिलेगा। इस बीच, भारत में लोकसभा चुनाव के लिए चौथे चरण का मतदान होने की तैयारी चल रही है।

लोकसभा के लिए चौथे और पाँचवें चरण के लिए मतदान होने से पहले दिल्‍ली में कुर्सी पाने के लिए जोड़तोड़ का गणित शुरू हो गया है। वामदलों की आलोचना के बीच उनके समर्थन की भी जोरशोर से कोशिश चल रही है। कांग्रेस के अलावा तीसरा मोर्चा भी केंद्र में सरकार बनाने के लिए वामदलों को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है।

लेकिन वामदलों में से प्रकाश कारत तो खुद ही प्रधानमंत्री बनने की लालसा प्रकट कर चुके हैं। तीसरा मोर्चा सीधे-सीधे नहीं चाहता कि कांग्रेस की सरकार बने और उसे उसके साथ रहना पड़े। हालाँकि ऐसा साथ देशहित में कम, ब्‍लैकमेलिंग की राजनीति के लिए ज्‍यादा होगा। तीसरा मोर्चा चाहता है कि सरकार वह खुद बनाए और कांग्रेस समर्थन दे ताकि सब कुछ उसके हाथों में रहे।

भाजपा भी जोर लगा रही है कि उसके बिछड़े साथी और यूपीए से नाराज दल उसके साथ आ जाएँ तो आडवाणी का सपना पूरा हो सके। भाजपा के एक नेता ने तो यहाँ तक कहा है कि उन्‍हें वामपंथियों से भी हर्ज नहीं हैं। यानी दक्षिण और वाम मिलकर दिल्‍ली की कुर्सी पर बैठ जाएँ।

एक थ्‍योरी यह भी उभर रही है कि इन छोटे-छोटे दलों का सफाया करने के लिए क्‍यों नहीं कांग्रेस और भाजपा ही दोस्‍ती कर लें। खैर! जो भी हो लेकिन यह जोड़तोड़ शेयर बाजार पर गहरा असर छोड़ेगा। कांग्रेस या भाजपा की नीतियों में खास फर्क नहीं है, इसलिए इनके सत्ता में बैठने को बाजार सामान्‍य तरीके से लेगा, लेकिन तीसरे मोर्चे की सरकार आने पर शेयर बाजार बड़ा गोता लगा सकता है।

राजनीति के इस सर्कस में चल रहे खेल पर निवेशकों को काफी सचेत होकर नजर रखनी होगी क्‍योंकि ऐसा न हो कि आज सर्कस में जो जमूरा है, वह कहीं रिंग मास्‍टर न बन जाए और रिंग मास्‍टर जमूरा।

4 मई से शुरू हो रहे नए सप्‍ताह में बॉम्‍बे स्‍टॉक एक्‍सचेंज (बीएसई) का सेंसेक्‍स 11855 से 10888 के बीच घूमता रहेगा, जबकि नेशनल स्‍टॉक एक्‍सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 3622 से 3322 के बीच रहेगा। लेकिन सेंसेक्‍स के लिए 11588 अंक और निफ्टी के लिए 3533 अहम स्‍तर हैं। इन स्‍तरों के ऊपर शेयर बाजार में तेजी का नया दौर शुरू हो जाएगा।

विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन ने स्वॉइन फ्लू पाँचवें लेवल का बताया है और यदि छठे लेवल में प्रवेश करने के साथ एशियाई देशों में फैल गया तो बाजार के लिए भी घातक होगा। इस बीच, विदेशी संस्‍थागत निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजार में फरवरी में 2436 करोड़ रुपए की शुद्ध बिकवाली की, लेकिन मार्च में 530 करोड़ रुपए और अप्रैल में 6508 करोड़ रुपए की जोरदार शुद्ध खरीद की है, जो सकारात्‍मक कारक है।

तकनीकी विश्‍लेषक हितेंद्र वासुदेव का कहना है कि बॉम्‍बे स्‍टॉक एक्‍सचेंज का सेंसेक्‍स 11500 के ऊपर जाता है तो अगले रेसिस्टेंस 12500-13000 हैं। स्‍टॉप लॉस 10700 का रखें। साप्‍ताहिक सपोर्ट 11000 और 10700 पर हैं, जबकि साप्‍ताहिक रेसिस्टेंस 11600 पर है।

सूरत कमर्शियल कॉरपोरेशन, सूरत के इक्विटी विश्‍लेषक गोपाल मोदी का कहना है कि अगले सप्‍ताह पहला रेसिस्टेंस 11613-11690 है और दूसरा 11816-11900 के मध्‍य है। 11273 का कड़ा स्‍टॉप लॉस रखते हुए 11410 के ऊपर तेजी का कारोबार किया जा सकता है। यदि दुनियाभर के शेयर बाजारों में बड़ी तेजी दिखती है तो सेंसेक्‍स ऊपर में अधिकतम 12143 तक जा सकता है।

सेंसेक्‍स यदि 11600 के पार बंद नहीं होता है और यह 11400 के स्‍तर को तोड़ देता है तो यह नीचे में 11160 अंक तक आने की आशंका है। इस स्‍तर के टूटने पर सेंसेक्‍स 10957-10880 और 10755-10677 तक जा सकता है।

इस सप्‍ताह निवेशक सुप्रीम इंडस्‍ट्रीज, फेडरल बैंक, टाटा केमिकल्‍स, सेंचुरी टेक्‍सटाइल, जुआरी इंडस्‍ट्रीज, श्री सीमेंट, शीपिंग कॉरपोरेशन, बैंक ऑफ बड़ौदा, रिलायंस इंडस्‍ट्रीज, रिलायंस इन्फ्रा, नेशनल फर्टिलाइजर, बजाज हिंदुस्‍तान, जयश्री टी और नवीन फ्लोरिन पर ध्‍यान दे सकते हैं।

*यह लेखक की निजी राय है। किसी भी प्रकार की जोखिम की जवाबदारी वेबदुनिया की नहीं होगी।

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