अनिश्चितता के कारण सावधानी

Webdunia
मंगलवार, 7 अगस्त 2007 (22:26 IST)
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान अनिश्चित उतार-चढ़ाव के बीच दबाव की अधिकता बनी रहने से निफ्टी कुल 44 प्वॉइंट्स घटकर 4401 पर बंद हुआ।

विदेशी निवेशकों की बिकवाली के भय से निफ्टी फ्यूचर में 30 से 50 प्वॉइंट्स का डिस्काउंट पूरे सप्ताह के दौरान बना रहा। पाँच में से तीन ट्रेडिंग सत्रों में बढ़त लेकर बंद हुए निफ्टी को देखकर यह संकेत मिले कि फिलहाल प्रमुख खिलाड़ियों ने मुनाफा वसूली प्रारंभ नहीं की है। हालाँकि अंतरराष्ट्रीय बाजारों में आ रही गिरावट चिंता का विषय है। इसलिए आगामी दिनों में भी सट्टात्मक घट-बढ़ ही बने रहने के आसार हैं।


व्यवसायियों ने कहा कि विदेशी संस्थागत निवेशकों द्वारा की जा रही बिकवाली के बावजूद बाजार में स्टॉक या सेक्टर स्पेसिफिक खरीदी का दौर जारी है। पिछले सप्ताह बैंकिंग, कैपिटल गुड्स एवं सीमेंट शेयरों के साथ ही अनेक ब्लूचिप शेयरों में खरीदी समर्थन बना रहा, जबकि कई शेयरों में तकनीकी कारणों से गिरावट भी रही। यानी अभी मिश्रित घट-बढ़ के बीच सावधानीपूर्वक कामकाज हो रहा है।

विश्लेषकों का कहना है कि अमेरिका के कुछ शहरों में प्रॉपर्टी की कीमतों में गिरावट आने के कारण होम लोन देने वाली कई कंपनियों के सामने वित्तीय संकट खड़ा हो गया है। शुक्रवार को अमेरिका की एक बड़ी कंपनी अमेरिकन होम मॉर्टगेज ने अपना कामकाज बंद करने की घोषणा की है तथा बड़े पैमाने पर कर्मचारियों की छँटनी का ऐलान कर दिया है।

चूँकि सभी वित्तीय बाजार एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं इसलिए उक्त समस्या का प्रभाव शेयर बाजार पर भी पड़ रहा है तथा कुछ विदेशी निवेशक उभरते बाजारों में भारी बिकवाली करते हुए नकदी एकत्रित कर रहे हैं ताकि किसी भी प्रकार के आकस्मिक संकट से बचा जा सके।

हालाँकि पिछले दिनों एफआईआई ने भारत में कोई बहुत ज्यादा बेचान नहीं किया है, किंतु ताईवान एवं कुछ अन्य बाजारों में जिस तरह से बेचान हुआ है उसे देखते हुए भारत के बड़े खिलाड़ी सावधान हो गए हैं। वैसे भारत की बहुसंख्य प्रमुख कंपनियों के बेहतर तिमाही परिणाम बाजार को मजबूती प्रदान कर रहे हैं। ग्रोथ स्टॉक्स के भाव वाजिब स्तर पर हैं किंतु इतने भी सस्ते नहीं हैं कि नकदी लेकर बैठे फंड एकदम से खरीदी शुरू कर दें।

एक बड़े फंड मैनेजर का कहना है कि तेजी का ट्रेंड अभी टूटा नहीं है, कुछ समय के लिए इसमें व्यवधान आ गया है। येन-केरी ट्रेड की तरह ही सब-प्राइम समस्या निवेशकों को चिंतित कर रही है। अभी फंड मैनेजर्स देखो एवं प्रतीक्षा करो की नीति अपनाते हुए स्थिति की गंभीरता का आकलन कर रहे हैं। यदि यह समस्या विकराल रूप धारण नहीं करती है तो शेयर बाजारों की रंगत लौटने में देर नहीं लगेगी।

तकनीकी विश्लेषकों का कहना है कि निफ्टी एवं कई प्रमुख शेयरों ने महत्वपूर्ण समर्थन स्तरों को नहीं तोड़ा है। इसलिए अभी तेजी का ट्रेंड बरकरार है, लेकिन आगामी दिनों के कामकाज के बारे में निश्चित तौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता, क्योंकि ट्रेंड खराब होने का असली संकेत तो 4100 का स्तर निर्णायक रूप से टूटने के बाद ही मिलेगा, जो अभी दूर की बात है। इसलिए ट्रेडर्स अपने कामकाज को सीमित ही रखें तो बेहतर होगा। निवेशक भी नई खरीदी अल्पावधि के बजाय मध्यम से लंबी अवधि के लिए ही करें।

बाजार में हो रही उठा-पठक ने नए इश्युओं के मार्केट पर भी असर दिखाना प्रारंभ कर दिया है। पिछले कुछ हफ्तों में लिस्ट हुए शेयरों का फुगावा खत्म हो रहा है तथा कई शेयरों के भाव लिस्टिंग पश्चात बनाए गए हाई की तुलना में 10 से 40 प्रतिशत तक घट गए हैं। नए निवेशकों को यह साफ तौर पर पता चल रहा है कि जरा-सी मंदी में फुगावे वाले शेयरों के क्या हाल होते हैं।

कमजोर सेंटीमेंट के कारण पुरवनकरा का इश्यू भी प्रभावित हुआ है। कंपनी ने इश्यू बंद होने की तारीख बढ़ाकर 8 अगस्त कर दी है तथा भाव 500-525 रु. से घटाकर 400-450 रु. कर दिए हैं। इस विषय में विश्लेषकों का कहना है कि संस्थागत निवेशक बाजार में चल रही उठापटक से इतने विचलित नहीं होते हैं कि इश्यू ही न भरें। इसलिए निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि कंपनी ने भाव कुछ ज्यादा ही बढ़ाकर शेयर बेचने की योजना बनाई थी तथा कुछ अन्य अंदरूनी नकारात्मक मुद्दे भी होंगे। अतः निवेशक अब इस इश्यू में आवेदन न करें तो बेहतर होगा।

टेक साल्यूशंस का इश्यू 7 अगस्त को बंद होगा। इश्यू का संस्थागत निवेशकों वाला पोर्शन शुक्रवार शाम तक लगभग 4 गुना सबस्क्राइब हो गया है। इस इश्यू को जोरदार रिस्पांस मिलने की उम्मीद है।

केपीआर मिल्स लि. के इश्यू में संस्थागत निवेशकों का पोर्शन लगभग 1 गुना सबस्क्राइब हो गया है। लेकिन अभी टेक्सटाइल शेयरों में बड़े निवेशकों की कोई विशेष दिलचस्पी नहीं है।


* डाओ-जोंस, नैस्डेक, ब्राजील, चायना एवं भारत के प्रमुख इंडेक्स हाल ही में बनाए उच्च स्तर की तुलना में 5-7 प्रतिशत तक घटे।
* कई महीनों तक चली बढ़त के बाद आई गिरावट को बहुसंख्य विश्लेषक तकनीकी करेक्शन एवं कंसोलिडेशन का दौर मान रहे हैं।
* अमेरिकी होम लोन कंपनियों का संकट विकराल रूप धारण करे तो ही शेयर बाजारों पर पड़ेगा गंभीर प्रभाव।
* निफ्टी 4100 का स्तर निर्णायक रूप से तोड़े तो ही ट्रेंड खराब होने के स्पष्ट संकेत मिलेंगे। यह स्तर अभी दूर है इसलिए है भ्रम की स्थिति।

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