श्री सत्यनारायणजी की आरती

Webdunia
जय लक्ष्मी रमणा, स्वामी जय लक्ष्मी रमणा ।
सत्यनारायण स्वामी, जन-पातक-हरणा ॥ जय लक्ष्मी... ॥

रत्न जड़ित सिंहासन, अद्भुत छवि राजे ।
नारद करत नीराजन, घंटा वन बाजे ॥ जय लक्ष्मी... ॥

प्रकट भए कलिकारन, द्विज को दरस दियो ।
बूढ़ो ब्राह्मण बनकर, कंचन महल कियो ॥ जय लक्ष्मी... ॥

दुर्बल भील कठारो, जिन पर कृपा करी ।
चंद्रचूड़ इक राजा, तिनकी विपति हरी ॥ जय लक्ष्मी... ॥

वैश्य मनोरथ पायो, श्रद्धा तज दीन्ही ।
सो फल भोग्यो प्रभुजी, फिर स्तुति किन्हीं ॥ जय लक्ष्मी... ॥

भाव-भक्ति के कारण, छिन-छिन रूप धर्‌यो ।
श्रद्धा धारण किन्ही, तिनको काज सरो ॥ जय लक्ष्मी... ॥

ग्वाल-बाल संग राजा, बन में भक्ति करी ।
मनवांछित फल दीन्हो, दीन दयालु हरि ॥ जय लक्ष्मी... ॥

चढ़त प्रसाद सवायो, कदली फल मेवा ।
धूप-दीप-तुलसी से, राजी सत्यदेवा ॥ जय लक्ष्मी... ॥

सत्यनारायणजी की आरती जो कोई नर गावे ।
ऋषि-सिद्ध सुख-संपत्ति सहज रूप पावे ॥ जय लक्ष्मी... ॥
Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

बुद्ध जयंती पर इन सुंदर शब्दों में दें अपनी शुभकामनाएं, पढ़ें 10 प्रेरणादायी संदेश

भारत-पाकिस्तान के बीच गहराया तनाव, क्या सच होने वाली है बाबा वेंगा की भविष्यवाणी

बलूचिस्तान के बारे में 5 खास बातें, भविष्यवाणी- पाकिस्तान से होगा अलग?

जब महाभारत में द्रौपदी पोंछने वाली थी सिन्दूर, क्यों ली थी दुशासन के रक्त से श्रृंगार की प्रतिज्ञा

वैशाख पूर्णिमा के दिन करें ये 5 उपाय, धन संबंधी समस्या होगी दूर

सभी देखें

धर्म संसार

12 मई 2025 : आपका जन्मदिन

12 मई 2025, सोमवार के शुभ मुहूर्त

Weekly Horoscope May 2025: साप्ताहिक राशिफल 12 से 18 मई, जानें किन राशियों को मिलेगा सितारों का साथ

Aaj Ka Rashifal: कैसा रहेगा 12 राशियों के लिए 11 मई 2025 का दिन, पढ़ें दैनिक राशिफल

11 मई 2025 : आपका जन्मदिन