बाइचुंग भूटिया की नसीहत

Webdunia
सोमवार, 20 जून 2011 (20:55 IST)
पूर्व भारतीय फुटबॉल कप्तान बाइचुंग भूटिया का मानना है कि जब तक एआईएफएफ क्लबों को बेहतर ‘व्यावसायिक इकाई’ बनाने के तरीके नहीं ढूंढता तब तक और अधिक क्लब महिंद्रा यूनाईटेड और जेसीटी की राह पर चलकर खुद को पेशेवर फुटबॉल से अलग कर सकते हैं।

भूटिया ने कहा निश्चित तौर पर जो हो रहा है उससे मैं दु:खी हूं लेकिन भारतीय क्लब अब तक व्यावसायिक इकाई नहीं बने हैं। जब तक ऐसा नहीं होता और अधिक क्लब जेसीटी की राह पर चल सकते हैं।

उन्होंने कहा वर्ष 1996 में हमने शुरुआती राष्ट्रीय फुटबॉल ली जीती थी और यह जेसीटी फुटबॉल का स्वर्णिम युग था। मैं, विजयन, जो पाल अंचेरी, कार्लटन चैपमैन, ताजिंदर कुमार अहम खिलाड़ी थे। सभी स्टार खिलाड़ी जेसीटी के लिए खेलना चाहते थे लेकिन आपको उनकी भावनाओं को समझना होगा। सालों साल उन्होंने करोड़ों रुपए खर्च किए जिसका फायदा लगभग नहीं के बराबर रहा।

भूटिया ने मौजूदा हालात पर कहा कि एक निश्चित समय के बाद आप हताश महसूस करने लगते हो और यही हुआ है। मैं दु:खी हूं लेकिन हैरान नहीं। (भाषा)
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