तुम्हारी याद कभी आसरा थी

Webdunia
तुम्हारी याद सरे शब जब भी आती है,
मेरे सुकूँ मेरी तन्हाइयों को खाती है।
तुम्हारी याद कभी आसरा थी जीने का,
तुम्हारी याद से अब रूह काँप जाती है - तलहा 'ताबिश'
Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

पैसा लो और स्वीडन से जाओ, प्रवासियों को दिए जाएंगे 34000 डॉलर

Vastu Tips: घर के वास्तु का जीवन पर प्रभाव पड़ता है या नहीं?

इन टिप्स को अपनाने से आपके बच्चों के साथ हमेशा अच्छे रहेंगे रिलेशन, बहुत काम की हैं ये बातें

सोते समय क्या बालों को बांधकर रखना है सही, जानिए है बालों की सेहत के लिए राइट चॉइस

इस फल के साथ इसके बीज भी हैं सेहत के लिए वरदान, जानिए फ़ायदे और इस्तेमाल के तरीके

सभी देखें

नवीनतम

प्रवासी कविता : मां सरस्वती

चीन ‍तैयार कर रहा है तबाही का सामान, जमीन से लेकर स्पेस तक दुनिया को बड़ा खतरा

लाइफ को स्ट्रेस फ्री बनाते हैं ये ईजी टिप्स, रूटीन में करें शामिल

सेहत से लेकर स्किन तक के लिए फायदेमंद हैं इस फल के पत्ते, जानिए उपयोग के तरीके

Valentine Week List 2025 : देखिए रोज डे से वैलेंटाइन डे तक पूरी लिस्ट, सप्ताह के हर खास दिन को मनाने की ये हैं खास वजहें