वाजिब है मालदार को देना ज़कात का

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वाजिब है मालदार को देना ज़कात का
तुम मालदारे हुस्न हो बोसा दिया करो
- अज्ञात

ज़कात-एक प्रकार का इस्लामी टैक्स, जो हर पैसे वाले को देना होता है।
मालदारे हुस्न - सौंदर्य धन से मालामाल
बोसा - चुंबन
अर्थ - हर मालदार व्यक्ति को ज़कात देना चाहिए। तुम सौंदर्य के धन से मालामाल हो, तुम ज़कात के तौर पर चुंबन दिया करो।
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