नज़्में : प्रो. सादिक़

Webdunia
मंगलवार, 6 मई 2008 (12:06 IST)
1. मोहब्बत
जहाँ तुमको
नफ़रत ही नफ़रत नज़र आए
उस सर ज़मीन में
मेरा दिल अबा देना
इक दिन वहाँ से
मोहब्बत उगे गी

2. शुरू की तलाश में
शुरू की तलाश में
चले तो हर शुरू
दरमियाँ लगा
दरमियाँ से गुज़र के
हम शुरू का शुरू
ढूंडते रहे
हम से क़ब्ल भी हज़ारों सर फिरे
शुरू की तलाश में
भटक-भटक के रह गए
बेकराँ खला में, पानियों में
रेग्ज़ार में
तुम हो किस क़तार में?
हम हैं किस शुमार में?

3. बताओ
सुन सकते हो
एक सुर में
कितने सुर शामिल हैं
इस लम्हे ?
गिन सकते हो
इस लम्हे में
कितने लम्हे
बोल रहे हैं
कह सकते हो
बोल में आए
लफ़्ज़ के मानी
सोत के अंदर हैं
या बाहर?
कर सकते हो
सुर से सुर
लम्हे से लम्हा
लफ़्ज़ से मानी जुदा
बताओ?
Show comments

गर्भवती महिलाओं को क्यों नहीं खाना चाहिए बैंगन? जानिए क्या कहता है आयुर्वेद

हल्दी वाला दूध या इसका पानी, क्या पीना है ज्यादा फायदेमंद?

ज़रा में फूल जाती है सांस? डाइट में शामिल ये 5 हेल्दी फूड

गर्मियों में तरबूज या खरबूजा क्या खाना है ज्यादा फायदेमंद?

पीरियड्स से 1 हफ्ते पहले डाइट में शामिल करें ये हेल्दी फूड, मुश्किल दिनों से मिलेगी राहत

मेडिटेशन करते समय भटकता है ध्यान? इन 9 टिप्स की मदद से करें फोकस

इन 5 Exercise Myths को जॉन अब्राहम भी मानते हैं गलत

क्या आपका बच्चा भी हकलाता है? तो ट्राई करें ये 7 टिप्स

जर्मन मीडिया को भारतीय मुसलमान प्रिय हैं, जर्मन मुसलमान अप्रिय

Metamorphosis: फ्रांत्स काफ़्का पूरा नाम है, लेकिन मुझे काफ़्का ही पूरा लगता है.