मेहरबाँ हो के बुला लो मुझे चाहो जिस वक़्त

Webdunia
ग़ालिब की ग़ज़ल (अशआर के मतलब के साथ)

मेहरबाँ हो के बुला लो मुझे चाहो जिस वक़्त
मैं गया वक़्त नहीं हूँ के फिर आ भी न सकू ँ

आप ये न समझना के मैं नाराज़ हो गया हूँ और अब कभी नहीं आऊँगा। आप जब चाहें मुझे याद कर सकते हैं। आप जब भी मेहरबान होकर मुझे बुलाएँगे मैं हाज़िर हो जाऊँगा। वो वक़्त जो गुज़र जाता है फिर वापस नहीं आता। लेकिन मैं तो ग़ालिब हूँ, कोई गुज़रा वक़्त तो हूँ नहीं जो वापस न आ सके।

ज़ोफ़ में ताना-ए-अग़यार का शिकवा क्या है
बात कुछ सर तो नहीं है के उठा भी न सकूँ

इन दिनों मैं बहुत कमज़ोर और लाग़िर हो चुका हूँ। ऐसे में अगर मेरे दोस्त मुझे ताने भी दें तो मैं बुरा नहीं म ानू ँगा। उनकी बातें,उनके के ताने कोई मेरा सर तो हैं नहीं जिसे मैं अपनी कमज़ोरी की वजह से उठा नही सकता।

ज़हर मिलता ही नहीं मिझको सितमगर वरना
क्या क़सम है तेरे मिलने की के खा भी न सकूँ

मैं ज़हर तलाश कर रहा हूँ। अगर मिल जाए तो मैं उसे फ़ौरन खा लूँ। लेकिन मुझे ज़हर मिल नहीं रहा है। तुझसे मिलने की क़सम तो मैं कभी नहीं खा सकता क्योंके तू मिलता ही नहीं है। लेकिन ज़हर खाने और क़सम खाने में बहुत फ़र्क़ है। अगर ज़हर मुझे कहीं मिल जाए तो मैं उसे फ़ौरन खालूँ।

Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

इन्फ्लेमेशन बढ़ने पर शरीर में नजर आते हैं ये लक्षण, नजरअंदाज करना पड़ सकता है भारी

आपको डायबिटीज नहीं है लेकिन बढ़ सकता है ब्लड शुगर लेवल?, जानिए कारण, लक्षण और बचाव

छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती पर जानिए उनके जीवन की रोचक बातें

भोलेनाथ के हैं भक्त तो अपने बेटे का नामकरण करें महादेव के इन सुन्दर नामों पर, सदा मिलेगा भोलेनाथ का आशीर्वाद

क्यों फ्लाइट से ऑफिस जाती है ये महिला, रोज 600 किमी सफर तय कर बनीं वर्क और लाइफ बैलेंस की अनोखी मिसाल

सभी देखें

नवीनतम

रामकृष्ण परमहंस जयंती, जानें उनका जीवन, उल्लेखनीय कार्य और प्रेरक विचार

क्या पीरियड्स से पहले आपको भी लगती है ज्यादा भूख, जानिए कारण

क्या एक वक्त ऐसा भी आएगा जब भारत 'गायब' हो जाएगा?

क्या पुरुषों को महिलाओं से अधिक पानी की होती है जरूरत, जानिए क्या है कारण

क्या शादियों में तेज डीजे के साउंड से आ रहे हैं अटैक? जानिए डीजे की आवाज और हार्ट अटैक में क्या है सम्बन्ध