उसमें गहराई समंदर की कहाँ

Webdunia
विलास पंडित 'मुसाफ़िर'

वो यक़ीनन दर्द अपना पी गया
जो परिन्दा प्यासा रहके जी गया

झाँकता था जब बदन मिलती थी भीख
क्यूँ मेरा दामन कोई कर सी गया

जाने कितने पेट भर जाते मगर
बच गया खाना वो सब बासी गया

उसमें गहराई समंदर की कहाँ
जो मुझे दरिया समझकर पी गया

भौंकने वाले सभी चुप हो गए
जब मोहल्ले से मेरे हाथी गया

चहचहाकर सारे पंछी उड़ गए
वार जब सैयाद का खाली गया

लौटकर बस्ती में फिर आया नहीं
बनके लीडर जब से वो दिल्ली गया

Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

क्या पीरियड्स से पहले आपको भी लगती है ज्यादा भूख, जानिए कारण

क्या एक वक्त ऐसा भी आएगा जब भारत 'गायब' हो जाएगा?

क्या पुरुषों को महिलाओं से अधिक पानी की होती है जरूरत, जानिए क्या है कारण

क्या शादियों में तेज डीजे के साउंड से आ रहे हैं अटैक? जानिए डीजे की आवाज और हार्ट अटैक में क्या है सम्बन्ध

जानिए अल्कोहल वाले स्किन केयर प्रोडक्ट्स की सच्चाई, कितने हैं आपकी त्वचा के लिए सेफ

सभी देखें

नवीनतम

महाशिवरात्रि पर शिव को चढ़ाएं भांग की ठंडाई का भोग, जान लें कैसे करें तैयार?

इतना बढ़िया चुटकुला आपने कही नहीं पढ़ा होगा: परीक्षा हॉल में शांति क्यों होनी चाहिए?

अमेरिका और यूरोप में ठनी, वेंस के भाषण से लगा EU को झटका

एग्जाम की तैयारी के लिए ये हैं मेजिकल टिप्स, नहीं भूलेंगे बार-बार और बना रहेगा आत्मविश्वास

छत्रपति शिवाजी महाराज के जीवन की 5 घटनाएं जानिए