सियासी दलों की आंखों का तारा बने युवा

Webdunia
रविवार, 29 जनवरी 2012 (15:33 IST)
उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव के संग्राम में रणभेरी फूंक रहे राजनीतिक दलों में ‘नए खून’ को अपनी तरफ करने की ललक पैदा हुई है। उनके चुनाव घोषणापत्रों में यह उत्कंठा झलकती है जिनमें युवाओं को रोजगार के अवसरों से लेकर लैपटाप और टैबलेट पीसी जैसे आधुनिक गैजेट्स देने तक के वादे किए गए हैं।

राजनीतिक दलों ने चुनाव में फर्क पैदा करने के लिहाज से युवा मतदाताओं की शक्ति को पहचानते हुए उनकी समस्याओं और जरूरतों खासकर बेरोजगारी और क्षमता विकास पर विशेष ध्यान दिया है। कहना गलत नहीं होगा कि हर दल ने अपने चुनाव घोषणापत्र में युवाओं को एक अलग वर्ग के तौर पर माना है।

चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक राज्य में एक करोड़ 39 लाख नये मतदाता पंजीकृत हुए हैं जिनमें से एक करोड़ 19 लाख मतदाता 18 से 29 वर्ष आयु वर्ग के हैं। पार्टियों की इन्हीं मतदाताओं पर खास नजर है।

राजनीतिक पार्टियों की नजर में युवाओं के लिए शिक्षा तथा रोजगार के मुद्दे सबसे अहम हैं और वे जाति तथा धर्म के आधार पर वोट नहीं देंगे। नई युवा पीढ़ी को साथ लाने के लिए समाजवादी पार्टी :सपा: ने अपने पुराने रुख में सबसे ज्यादा बदलाव किया है।

विदेश में शिक्षा प्राप्त अपने नए प्रांतीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की सोच की इसमें सबसे अहम भूमिका है। यह वजह है कि कभी अंग्रेजी और कम्प्यूटर शिक्षा का मुखर विरोध करने वाले सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव की पार्टी ने इस बार सबको चौंकाते हुए अपने घोषणापत्र में छात्रों को लैपटाप देने का वादा कर डाला।

सपा ने मुसलमान विद्यार्थियों और आधुनिक शिक्षा के प्रति उनकी जरूरतों पर ध्यान देते हुए अपने घोषणापत्र में मदरसों में तकनीकी शिक्षा की व्यवस्था करने, 10वीं कक्षा पास करने वाली मुस्लिम लड़कियों को आर्थिक मदद तथा उनकी शादी के लिए 30 हजार रुपए देने का वादा किया है।

भाजपा के चुनाव घोषणापत्र में भी युवाओं पर वादों की बारिश की गयी है। इस दल ने पांच साल में एक करोड़ रोजगार सृजित करने, युवा बेरोजगार क्रेडिट कार्ड योजना के तहत युवाओं को सस्ती ब्याज दर पर एक लाख रुपए तक का कर्ज देने और पात्र युवाओं को दो हजार रुपए बेरोजगारी भत्ता देने का वादा किया है।

सपा की ही राह चलते हुए भाजपा ने 10वीं पास विद्यार्थियों को एक हजार रुपए में टैबलेट कम्प्यूटर तथा इंटरमीडियट पास करने वाले विद्यार्थियों को पांच हजार रुपए में लैपटाप देने का वादा किया है।

भाजपा ने एक शिक्षा आयोग का गठन करने तथा गरीब विद्यार्थियों को इंटरमीडियट तक कॉपी किताबें, स्कूली वर्दी तथा बैग मुफ्त देने का वादा किया है। साथ ही उसने उच्च शिक्षा प्राप्त करने के इच्छुक विद्यार्थियों को एक प्रतिशत ब्याज दर पर कर्ज उपलब्ध कराने का वादा भी किया है।

कांग्रेस ने भी पिछले दिनों जारी अपने ‘विजन डाक्यूमेंट’ में युवाओं पर खास निगाह रखी है। यही वजह है कि उसने राज्य से प्रतिभा पलायन रोकने के लिये अगले पांच साल में 20 लाख युवाओं को रोजगार देने का ऐला न किया है।

कांग्रेस ने प्रदेश में आईटीआई पॉलीटेक्निक प्रणाली में व्यापक बदलाव करते हुए इसमें निजी तथा सार्वजनिक क्षेत्र की भागीदारी की शुरुआत की घोषणा की है। हालांकि कांग्रेस ने लैपटाप और टैबलेट पीसी देने का वादा तो नहीं किया है लेकिन अगले दो साल में हर घर में एक मोबाइल फोन पहुंचाने की बात जरूर कही है। (भाषा)

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