जूनागढ़ में मुश्किल है भाजपा की डगर

Webdunia
शुक्रवार, 21 दिसंबर 2007 (19:17 IST)
बागी उम्मीदवारों के मैदान में आने तथा पार्टी के वरिष्ठ नेता केशुभाई पटेल के चुनाव प्रचार करने से इंकार करने के बाद जूनागढ़ में होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा की मुश्किलें बढ़ गई हैं।

अपने शानदार इतिहास और मछली के कारोबार के लिए विख्यात इस जिले में 10 विधानसभा सीटें हैं। वर्ष 2002 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा को छह तथा कांग्रेस को चार सीटें मिली थीं। उस समय केशुभाई ने सक्रिय तरीके से पार्टी के लिए प्रचार किया था। हालाँकि इस बार बागी उम्मीदवारों की उपस्थिति तथा केशुभाई के प्रचार अभियान से अलग रहने से भाजपा की मुश्किलें बढ़ गई हैं।

भाजपा से अलग होने वाले अनेक नेता इन निर्वाचन क्षेत्रों में निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव मैदान में हैं।

जूनागढ़ शहरी विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के मौजूदा विधायक महेंद्र मशरू ने कांग्रेस के प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवार को वर्ष 2002 में 21 हजार मतों से करारी शिकस्त दी थी। लेकिन इस बार वे न सिर्फ कांग्रेस से, बल्कि अपनी ही पार्टी के बागी उम्मीदवार मार्कंडभाई भट्ट से भी मुकाबला करेंगे।
Show comments

जरूर पढ़ें

चीन की यह परियोजना भारत के लिए है 'वाटर बम', अरुणाचल के CM पेमा खांडू ने चेताया

nimisha priya : कैसे बचेगी भारतीय नर्स निमिषा प्रिया की जान, क्या होती है ब्लड मनी, किन हालातों में रुक सकती है फांसी

Donald Trump को Nobel Prize दिलाने के लिए उतावले क्यों हैं पाकिस्तान और इजराइल, क्या हैं नियम, कौन कर रहा है विरोध, कब-कब रहे हैं विवादित

बैकफुट पर CM रेखा गुप्ता, सरकारी आवास की मरम्मत का ठेका रद्द, जानिए कितने में हुआ था ठेका

Video : रिटायर होने के बाद क्या करेंगे गृह मंत्री अमित शाह, सहकारी कार्यकर्ताओं के सामने किया प्लान का खुलासा

सभी देखें

नवीनतम

प्रधानमंत्री मोदी पहुंचे नामीबिया, सर्वोच्च नागरिक सम्मान से नवाजा

डोनाल्‍ड ट्रम्‍प का नया टैरिफ बम, ईराक समेत इन देशों पर लगाया 30% Tariff, भारत के लिए क्या है राहत की बात

Air India Plane Crash : अहमदाबाद विमान हादसे का खुलेगा राज, AAIB जल्‍द जारी करेगा जांच रिपोर्ट

Maharashtra : मासिक धर्म की जांच के लिए छात्राओं के कपड़े उतरवाए गए, 8 पर मामला दर्ज

धर्मांतरण रैकेट की जड़ें तलाशेगी ATS, छांगुर बाबा और नीतू एक हफ्ते के पुलिस रिमांड पर