विक्रम विश्वविद्यालय द्वारा अग्रणी महाविद्यालयों को रीजनल सेंटर बनाकर विश्वविद्यालय संबंधी कई कार्य करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। समस्या यह है कि विवि ने महाविद्यालयों से पूछा ही नहीं कि वे यह कार्य कर भी पाएँगे कि नहीं। स्टॉफ की कमी से जूझ रहे महाविद्यालय द्वारा विवि प्रशासन को समस्याओं से अवगत कराया जाएगा।
विक्रम विश्वविद्यालय द्वारा स्थानीय नवीन महाविद्यालय को जिले का रीजनल सेंटर बनाया गया है। इससे यूनिवर्सिटी संबंधी कई कार्यों का समाधान महाविद्यालय स्तर पर ही हो जाएगा। विश्वविद्यालय से प्राप्त निर्देर्शों के अनुसार रीजनल सेंटर में परीक्षा परिणाम की जानकारी, विभिन्ना कार्यों के आवेदन प्रस्तुत करना, अंकसूची में सुधार, उपाधि, पात्रता, नामांकन संबंधी आवेदन प्राप्त करना, पाठ्यक्रम संबंधी एकत्रित आवेदन विवि को भेजना, विवि द्वारा दी गई जानकारी विद्यार्थियों को अवगत करना आदि कार्य होंगे। लेकिन महाविद्यालय में पहले से ही चल रही स्टॉफ की कमी के कारण रीजनल सेंटर का कार्य कैसे हो पाएगा, इस पर किसी ने सोचा ही नहीं।
पहले से है स्टॉफ की कमी
उल्लेखनीय है कि महाविद्यालय के लिपिकीय विभाग में 5 कर्मचारियों का स्टॉफ स्वीकृत है, मगर मात्र 2 कर्मचारी ही यहाँ नियुक्त हैं। 3 कर्मचारियों के अभाव में पहले ही विभाग के दैनिक कार्य प्रभावित हो रहे हैं। ऐसे में विवि प्रशासन द्वारा महाविद्यालय को सौंपी जा रही अतिरिक्त जिम्मेदारी का निर्वाह कैसे हो पाएगा।
विवि को बताएँगे
इस संबंध में नवीन महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. एसके मेहता का कहना था कि विश्वविद्यालय को पत्र लिखकर महाविद्यालय में स्टॉफ की कमी से अवगत कराया जाएगा। उनका कहना था कि विश्वविद्यालय से ही इस कार्य के लिए कर्मचारी नियुक्त किए जाने की माँग की जाएगी। -निप्र