अभिव्यक्ति की आजादी 'निरंकुश' नहीं है काटजू

Webdunia
रविवार, 5 फ़रवरी 2012 (01:03 IST)
लेखक सलमान रुश्दी मामले में हालिया विवाद के बारे में भारतीय प्रेस परिषद के अध्यक्ष मार्कंडेय काटजू ने कहा है कि अभिव्यक्ति की आजादी 'निरंकुश' नहीं है बल्कि जनहित में यथोचित अवरोधों के साथ यह आजादी हासिल है। वह ट्विटर पर पूछे गए इस सवाल का जवाब दे रहे थे कि क्या निरंकुश आजादी का अस्तित्व है?


उन्होंने लिखा, 'निरंकुश आजादी किसी को हासिल नहीं है। हर तरह की आजादी जनहित में कुछ प्रतिबंधों के साथ मिलती है।' अमेरिका के नागरिकों को मिले कुछ अधिकारों के बारे में उन्होंने कहा कि अमेरिका और भारत की तुलना नहीं की जा सकती। सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज ने लिखा, 'जो चीज अमेरिका में स्वीकार्य है वह यहां स्वीकार्य नहीं भी हो सकती है।'


धार्मिक भावनाओं का जिक्र करते हुए उन्होंने लिखा कि पश्चिम में ज्यादा औद्योगिकरण के कारण धर्म की पकड़ भारत के मुकाबले बेहद कम है। उन्होंने कहा, 'यदि आप पश्चिम में ईसा मसीह को समलैंगिक बताएं तो वहां कोई उपद्रव नहीं होगा लेकिन यहां अगर आप किसी हिंदू या मुस्लिम व्यक्तित्व के बारे में ऐसा कुछ कहेंगे तो उपद्रव होगा।'

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