चुनाव आयोग ने दिया बादल को करारा जवाब

Webdunia
बुधवार, 4 जनवरी 2012 (01:15 IST)
पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल द्वारा चुनाव आयोग के खिलाफ टिप्पणी किए जाने पर चुनाव आयोग ने उन्हें करारा जवाब दिया है। मुख्य चुनाव आयुक्त एस.वाई. कुरैशी ने बादल को पत्र लिखकर कहा है कि आयोग निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव कराने के लिए अपने संवैधानिक दायरे में रहकर काम करता है और अपनी सीमाओं का उसे पूरा ख्याल है। कुरैशी ने कहा कि यदि बादल को लगता है कि उसके अधिकारी अपनी जिम्मेदारियों से भटक गए हैं तो वह उसका उदाहरण पेश करें। हालांकि बादल के चुनाव आयोग पर लगाए गए इस आरोप के बाद राज्य की सियासत गरमा गई है। कांग्रेस ने चुनाव आयोग की आलोचना करने पर बादल को आड़े हाथों लिया है।


पंजाब में चुनाव आचार संहित लागू होने के बाद से चुनाव आयोग द्वारा विभिन्न शिकायतों के आधार पर कई अधिकारियों के तबादले किए जा रहे हैं। इसके अलावा एक निजी टीवी चैनल पर अकाली सांसद हरसिमरत कौर बादल के नेतृत्व वाले गैर सरकारी संगठन 'नन्ही छांव' व 'साडा हल्का' कार्यक्रम के प्रसारण पर भी चुनाव आयोग ने रोक लगा दी है। जिसके चलते सत्तारूढ़ शिरोमणि अकाली दल चुनाव आयोग से खासा नाराज है और प्रकाश सिंह बादल ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि तबादले तथा तैनाती के मामले में चुनाव आयोग अपने दायरे से बाहर जा रहा है।


बादल के इस बयान पर उन्हें चुनाव आयोग ने करारा जवाब दिया है। मुख्य चुनाव आयुक्त ने बादल को लिखे पत्र में कहा है कि हमारे अधिकारी जो कुछ भी कर रहे हैं वह निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव के लिए जरूरी कानून-व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए कर रहे हैं और सर्वोच्च न्यायालय भी हमारे इस कदम को सही ठहरा चुका है। कुरैशी ने बादल से आग्रह किया है कि वह चुनाव अधिकारियों के लिए अपनी दृष्टि में बदलाव लाएंगे।


इस बीच कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने भी बादल को आड़े हाथों लेते हुए कहा है कि यह मामला उल्टा चोर कोतवाल को डांटे वाला है। उन्होंने कहा कि केवल एक बादल परिवार ने राज्य की पूरी राजनीतिक प्रक्रिया पर कब्जा कर लिया है और ऐसे में मुख्यमंत्री के लिए यह उचित नहीं है कि वह चुनाव आयोग पर इस तरह टिप्पणी करें। वहीं राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री एवं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि बादल द्वारा चुनाव आयोग के कार्यों में हस्तक्षेप करना सरासर गलत है। सिंह ने कहा कि इस समय चीजें मुख्यमंत्री के नियंत्रण में नहीं हैं इसलिए वह पूरी तरह बौखला चुके हैं। चुनाव आयोग निष्पक्ष तरीके से चुनावों का आयोजन करवा रहा है।


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