वर्षाकाल 21 जून (सूर्य का आर्द्रा नक्षत्र प्रवेश) से 6 नवंबर ( सूर्य का स्वाति नक्षत्र से निर्गमन) तक होता है। इसके पूर्व प्रवर्षण काल में भी छुटपुट वर्षा होती है।
माह | 70 % से अधिक संभावना वाले वर्षा दिन | 50 % से 70% संभावना वाले वर्षा दिन | कुल वर्षा दिन | रिमार्क |
जून | | 12, 13, 25, 29, 30 | 2+3 = 5 | प्रवर्षण काल/वर्षा काल |
जुलाई | 1,4, 5, 6, 7, 9,10, 11, 12, 13,15,22, 23,24,27,28,31 | 3, 30 | 17+2 = 19 | वर्षा काल पूर्वार्ध |
अगस्त | 1,2,5,6,7,11,15,16,18,19,20,23,24 | 3,4,8,9,21,22 | 13+6 =19 | वर्षा काल पूर्वार्ध |
सितंबर | | 2,3,4,15,16,19,20,29,30 | 9 | वर्षा काल उत्तरार्ध |
अक्टूबर | | 2,3,7,13,14,15,18,20,29,30 | 10 | वर्षा काल उत्तरार्ध |
नवंबर | | 1 | 1 | वर्षा काल उत्तरार्ध |
| | कुल दिन वर्षा | 30+33= 63 | |
इस वर्ष विजय नामक संवत्सर है, जो शुभ फलदायी है। यह संवत्सर परिवत्सर श्रेणी में वर्गीकृत है। वर्षा ऋतु के प्रथमार्थ में अधिक तथा द्वितीयार्थ में खंडित या अल्प वर्षा होने की संभावना है।
कुल मिलाकर वर्षा औसत से कुछ कम संभावित है, तथापि सूखा-संकट की स्थिति प्रतीन नहीं होती।