नए साल के नए सूर्य की पहली किरण जब देश की राजधानी दिल्ली पर पड़ी, उस समय धनु लग्न धनु राशि व मूल नक्षत्र के साथ सिंह नवांश रहा। लग्न का स्वामी गुरु वक्री है, अतः राजधानी में हलचल अवश्य रहेगी।
भाग्य का स्वामी सूर्य, सप्तम व दशम भाव के स्वामी बुध के साथ अष्टमेश चंद्र भी है। इस दिन अमावस्या उदित तिथि है।
नए साल के सितारे कहते हैं दिल्ली में वर्तमान सरकार को संकट का सामना करना पड़ेगा।
सरकार के लिए एक आशा की किरण यह है कि लग्न में जहां अमावस्या योग है, वहीं बुधादित्य योग भी है। साथ ही भाग्य का स्वामी सूर्य भी है। जो सदैव 1 जनवरी को इसी तरह रहता है और लग्न भी धनु ही रहता है। अन्य ग्रहों की स्थितियां अलग होती है।
इस प्रकार बुधादित्य योग की स्थिति कुछ हद तक सरकार को बचाने में सक्षम होगी। लग्नेश व चतुर्थ भाव का स्वामी गुरु वक्री होने से वर्ष सरकार के प्रति तब्दिलियों वाला रहेगा। दशम भाव में सम का मंगल पंचमेश व द्वादशेश होने से संसद में सत्र के दौरान सरकार को भारी विरोध का सामना करना पड़ सकता है।
20 जून से सरकार के लिए गुरु का उच्च होना परेशानियों का कारण बन सकता है। एकादश भाव में उच्च का शनि राहु से युक्त होने से आर्थिक घोटाले अकस्मात सामने आने की संभावना है। सरकार से जुड़े व्यक्तियों की मानसिकता में शनि की पंचम भाव पर नीच दृष्टि भी कुछ गड़बड करा सकती है।