2016 : क्या लाया है यह साल भारत की नारी शक्ति के लिए

पं. अशोक पँवार 'मयंक'
देश की आधी आबादी का यह स्वाभाविक सपना होता है कि सरकार हमारे लिए, हमारी सुरक्षा के लिए व हमारे भविष्य  के लिए कुछ करे। आइए ग्रहों के आधार पर जानें कि यह वर्ष महिलाओं के लिए कैसा रहेगा।


 
वर्ष के प्रारंभ में स्त्रीकारक ग्रह शुक्र व चन्द्र की स्थिति को समझना होगा। चन्द्र मन का कारक होने के साथ-साथ स्त्री  का कारक भी है। चंद्र, बुध की राशि कन्या में राहु के साथ है। चन्द्र-राहु मिलते हैं तो मानसिक चिंता का कारण बनते हैं  अत: यह साल स्त्री वर्ग के लिए कुछ खास सफलता का न होकर चिंता और तनाव से भरा रहेगा।


 

आर्थिक मामलों में  कोई खास बदलाव आने की संभावना नहीं है। घरेलू खर्च बढ़ेगा। गृहस्थी की समस्याओं से दो-चार होना पड़ सकता है। 
 

वर्ष के आरंभ में स्त्रीकारक ग्रह शुक्र वृश्चिक राशि का शनि के साथ है। वृश्चिक का शुक्र युवतियों के लिए ठीक नहीं होता  अत: इस वर्ष कम उम्र की स्त्री यानी युवतियों को काफी सावधानी रखना होगी। 
 
प्रेम संबंधों में सावधानी बरतें। सरकार भी स्त्री वर्ग के मामलों में कुछ खास नहीं कर पाएगी। स्त्री पक्ष को बाहरी मामलों में सावधानी बरतना होगी। अकेले सफर से बचें। सुरक्षा का ध्यान रखकर चलें। 


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