इस साल जमकर नहीं बरसेगीं बरखा रानी

2013 में होगी झमाझम वर्षा

Webdunia
- अशोक पंवार

2012 : इस वर्ष होगी कम बरखा
FILE

मौसम विभाग की भविष्यवाणी थी कि इस वर्ष मानसून समय पर आएगा व औसत वर्षा भी होगी। लेकिन जुलाई का पखवाडा़ हो चुका है और बारिश के ठिकाने नहीं हैं। वर्षा पर सतत् अध्ययन से ज्ञात हुआ है कि वर्षा का सबसे अधिक प्रभाव मंगल से है।

जब-जब सूर्य से आगे-आगे मंगल चलता है तो बारिश कम ही आती है एवं जब-जब सूर्य से मंगल पीछे रहता है तब-तब बारिश के योग उत्तम ही रहते हैं। कभी-कभी तो उम्मीद से भी ज्यादा बारिश देखने को मिली है।

वैसे तो बारिश का मौसम लगभग 10 जून से आरंभ माना गया है। तब से ही मंगल सूर्य से दो घर आगे ही चल रहा है। सूर्य वृषभ में व मंगल कन्या में है, इस प्रकार देखा जाए तो मंगल की सूर्य से चार घर की दूरी है।

FILE
बारिश खत्म होते-होते मंगल तीन घर सूर्य से दूरी बनाए रखेगा। अतः इस वर्ष बारिश के योग कम ही हैं।

आगामी वर्ष 2013 में 10 जून को मंगल-सूर्य साथ-साथ होकर वृषभ पर रहेंगे। 15 जून से मंगल-सूर्य का संबंध अलग होगा। मंगल वृषभ में ही रहेगा एवं सूर्य मिथुन में होगा। 5 जुलाई से फिर मंगल-सूर्य का साथ होकर 15 जुलाई तक रहेगा। बारिश खत्म होने तक सूर्य-मंगल का मिलन नहीं होगा।

इस प्रकार देखा जाए तो 2013 में बारिश के योग उत्तम है। जब-जब सूर्य-मंगल की युति बनेगी, तब-तब बारिश अधिक या नहीं होगी एवं बाकी समय में वर्षा के योग उत्तम ही रहेंगे। मंगल का केन्द्र बिन्दु उज्जैन है, अतः वर्षा के योग मध्यप्रदेश में सर्वाधिक देखने में आते हैं।

Show comments

ज़रूर पढ़ें

जगन्नाथ रथयात्रा 2025: क्या है जगन्नाथ मंदिर का इतिहास, कितना प्राचीन है यह मंदिर?

12 साल बाद मिथुन में गुरु और सूर्य की युति पर राहु की नजर से होगा 3 राशियों को लाभ, 5 राशियों को नुकसान

इजराइल- ईरान युद्ध के बीच बाबा वेंगा की इस भविष्यवाणी से डर गई है दुनिया

क्या पहले होती थी जगन्नाथ पुरी में प्रभु श्रीराम की पूजा?

इक्ष्वाकु वंश के कुल देवता भगवान जगन्नाथ के धाम को क्यों माना जाता है चार धामों में सबसे खास?

सभी देखें

नवीनतम

27 जून 2025 : आपका जन्मदिन

27 जून 2025, शुक्रवार के शुभ मुहूर्त

श्रावण के साथ ही शुरू होगी कावड़ यात्रा, जानें क्या करें और क्या न करें

गुप्त नवरात्रि में कौन से मंत्र पढ़ने चाहिए?

26 जून से प्रारंभ होगी गुप्त नवरात्रि, जानें घट स्थापना के मुहूर्त, कैसे करें देवी आराधना और लग्नानुसार फल