क्या है मूलांक व भाग्यांक

भारती पंडित
मूलांक व भाग्यांक का व्यक्ति के जीवन से गहरा संबंध होता है। होरोस्कोप न होने की स्थिति में ये फ्यूचर व सक्सेस के लिए सहायक होत े हैं।

मूलांक : जन्मतारीख को ही मूलांक कहते हैं। मूलांक प्राय: 1 से 9 होते हैं। जन्मतारीख में दहाई की संख्‍या होने पर दोनों संख्‍याओं को जोड़कर मूलांक निकाला जाता है। जैसे यदि जन्म तारीख 28 है तो मूलांक 2 + 8 = 10 = 1 होगा। विभिन्न मूलांकों का स्वामित्व विभिन्न ग्रहों द्वारा किया जाता है।

क्या बताता है मूलांक : मूलांक वास्तव में लग्न या राशि का कार्य करता है। यह व्यक्ति के स्वभाव व शरीर संरचना की जानकारी देता है। यह व्यक्ति के ‍चरित्र की व्याख्‍या करता है, उसके मिजाज व स्वास्थ्य को बताता है।

भाग्यांक : जन्मतिथि के सभी अंकों का योग करके जो अंक प्राप्त होता है वह भाग्यांक कहलाता है। जैसे यदि आपकी जन्मतिथि 2-3-1970 है तो कुल योग 2+3+1+9+7+0 = 22 =2+2=4 होगा। अत: इस जन्मतिथि का भाग्यांक 4 होगा।

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क्या बताता है भाग्यांक : भाग्यांक वास्तव में पंचम व नवम भाव को बताता है। इससे जीवन के उतार-चढ़ाव, सफलता, भाग्योदय का समय आदि की व्याख्या की जा सकती है। भाग्यांक भी 1 से 9 होते हैं। यदि व्यक्ति का भाग्यांक व मूलांक समान हो या मित्र अंक हो तो व्यक्ति सफलता प्राप्त करता है।

विशेष : अंक ज्योतिष के आधार पर नाम की स्पेलिंग बदलना मुख्‍यत: भाग्यांक पर ही आधारित होता है।

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