जानिए सूर्य के शुभ-अशुभ होने पर क्या करें उपाय

कैसे शुभ असर देगा सूर्य ग्रह, जानिए

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* लाल किताब के अनुसार सूर्य ग्रह का प्रभाव और उपाय


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पुराणों के अनुसार भूलोक तथा द्युलोक के मध्य में अन्तरिक्ष लोक है। इस द्युलोक में सूर्य भगवान नक्षत्र तारों के मध्य में विराजमान रह कर तीनों लोकों को प्रकाशित करते हैं।

सूर्य देवता के पिता का नाम महर्षि कश्यप व माता का नाम अदिति है। इनकी पत्नी का नाम संज्ञा है जो विश्वकर्मा की पुत्री है।। संज्ञा से यम नामक पुत्र और यमुना नामक पुत्री तथा इनकी दूसरी पत्नी छाया से इनको एक महान प्रतापी पुत्र हुए जिनका नाम शनि है।

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शुभ : कांतिमय चेहरे और आंखों वाला व्यक्ति महान राजनीतिज्ञ भी हो सकता है या सरकारी महकमें का कोई बड़ा अधिकारी। सोच-समझकर हित अनुसार गुस्सा करने वाला व्यक्ति न्याय प्रिय होता है। सूर्य नवम् और दशम भाव में सर्वश्रेष्ठ।

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अशुभ : सूर्य के अशुभ होने पर शरीर में अकड़न आ जाती है। मुंह में थूक बना रहता है। यदि घर पर या घर के आस-पास लाल गाय या भूरी भैंस है तो वह खो जाती है या मर जाती है। यदि सूर्य और शनि एक ही भाव में हो तो घर की स्त्री को कष्ट होता है। यदि सूर्य और मंगल साथ हो और चंद्र और केतु भी साथ हो तो पुत्र, मामा और पिता को कष्ट।

उपाय : भगवान विष्णु की उपासना। सूर्य को अर्घ्य देना। रविवार का व्रत रखना। मुंह में मीठा डालकर ऊपर से पानी पीकर ही घर से निकले। पिता का सम्मान करें।

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देवता : विष्णु
गोत्र : कश्यप
दिशा : पूर्व
सारथी : अरुण
वार : रविवार
भाव : पांचवां
स्वभाव : उग्र
वृक्ष : तेजफल का वृक्ष
विशेषता : बहादुर राजा
शक्ति : आग का भंडार
वर्ण-जाति : लाल, क्षत्रिय
वाहन : सात घोड़ों वाला स्वर्ण रथ
गुण : आग, गुस्सा, विवेक,विद्या
अंग : दिमाग समेत शरीर का दायां भाग
पशु : बंदर, पहाड़ी गाय, कपिला गाय
राशि भ्रमण : प्रत्येक राशि में 30 दिन।
नक्षत्र : कृतिका, उत्तरा फाल्गुनी, उत्तराषाढ़ा
बल : सूर्य के साथ यदि शनि हो तो और शक्तिशाली
राशि : सिंह राशि के स्वामी सूर्य के चंद्र, गुरु और मंगल मित्र हैं। शुक्र, राहु और शनि इसके शत्रु है। बुध और केतु मध्यम। मेष में उच्च और तुला में नीच के माने गए हैं। सूर्य का बलवान होता सभी तरह के अनिष्टों को नष्ट कर देता है।
अन्य नाम : रवि, दिनकर, दिवाकर, भानु, भास्कर, प्रभाकर, सविता, दिनमणि, आदित्य, अनंत, मार्तंड, अर्क, पतंग और विवस्वान।

मकान : जिनका मकान पूर्व है। पानी का स्थान मकान के गेट में दाखिल होते ही दाएं हाथ पर। बड़ा सा दरवाजा प्रकाश का रास्ता।

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विज्ञान अनुसार : वैज्ञानिक कहते हैं कि इसका तापमान बाहरी स्तर पर 6000 डिग्री सेंटीग्रेड से लेकर डेढ़ करोड़ डिग्री तक रहता है। इसका आकार, उम्र और तापमान अन्य तारों के लगभग मध्यमान के अनुपात में है। इसकी संरचना अधिकतर हाइड्रोजन एवं हीलीयम नामक तत्वों से हुई है।

सूर्य का व्यास 1372400 है। धरती से इसकी औसत दूरी 149000000 किलोमीटर मानी गई है। ये अपनी धुरी पर 30 दिनों मे घुम जाते हैं। इस पर पृथ्वी जितने 13 लाख गोले रखे जा सकते हैं। अनुमान है कि अभी यह गोला तीस अरब वर्ष तक जलते रहने की क्षमता रखता है।

सूर्य एक विशालकाय तारा है, जिसके चारों ओर आठों ग्रह और अनेक उल्काएं चक्कर लगाते रहते हैं। वैज्ञानिक कहते हैं कि यह जलता हुआ विशाल पिंड है। इसकी गुरुत्वाकर्षण शक्ति के बल पर ही समस्त ग्रह इसकी तरफ खींचे रहते हैं अन्यथा सभी अंधकार में न जाने कहां लीन हो जाए। फिर भी यह ब्रह्मांड की अपेक्षा एक छोटा तारा है। वेदों के अनुसार सूर्य जगत की आत्मा है, यही सूर्य नहीं अनेक सूर्य भी।

- AJ

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