बैसाख माह में ग्रहों का अनोखा संयोग

60 दिनों का होगा बैसाख पुण्यकारी

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अमूमन कोई भी महिना 30 और 31 दिनों का होता है, लेकिन इस वर्ष बैसाख का महिना 60 दिनों का होगा। ज्योतिषियों के अनुसार लंबी अवधि का यह महीना कई मायने में पुण्यकारी होगा।

ज्योतिष पं. दीपक शर्मा का कहना है कि हनुमान जयंती के दिन से बैसाख का महीना शुरू हो गया है। इस वर्ष दो बैसाख का महीना 60 दिनों का होगा। पहला बैसाख 30 मार्च से शुरू होकर 28 अप्रैल तक और दूसरा बैसाख 29 अप्रैल से प्रारंभ होकर 28 मई तक रहेगा। इसके बाद 28 मई से जेठ लग जाएगा जो लगभग 27 जून तक रहेगा।

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डॉ. शर्मा ने बताया कि बैसाख की लंबी अवधि शुभफलदायी है। हरिद्वार कुंभ स्नान के समय बैसाख का संयोग भी पुण्यकारक है। इसी तरह द्वितीय बैसाख के शुक्ल पक्ष की तृतीया 16 मई को पड़ रही है। इस दिन भगवान परशुराम का जन्मदिन है। इस दिन अक्षय तृतीया का पर्व धूमधाम से मनाया जाएगा। इसी तरह शुक्ल पक्ष की सप्तमी 20 मई को पड़ रही है, जो गंगोत्पत्ति का पर्व है।

इस दिन हरिद्वार कुंभ में स्नान करने का विशेष महत्व है। 27 मई को बुद्ध पूर्णिमा के दिन हरिद्वार कुंभ का अंतिम शाही स्नान होगा और इसी दिन बैसाख की समाप्ति होगी। इसी तरह बैसाख महीने में 15 मई से विवाह जैसे मांगलिक कार्य शुरू हो जाएँगे। हालाँकि बैसाख के बाद जेठ में जेठ में विवाह नहीं हो पाएँगे।

इस दौरान सूर्य, चंद्र, बृहस्पति और शुक्रदेव समेत चार ग्रह अपने उच्च और स्वराशि में गोचर करेंगे। इसके पूर्व ज्योतिषिय गणनाओं के अनुसार 14 अप्रैल से 14 मई तक सूर्यदेव भी अपने उच्च राशि मेष में रहेंगे और देवगुरु बृहस्पति भी 26 अप्रैल से अपनी स्वराशि मीन में प्रवेश करेंगे। ग्रहों का ऐसा संयोग कई वर्षो के बाद बन हो रहा है। इस वर्ष तापमान में वृद्धि होने के साथ ही वर्षा की संभावना बन रही है।

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