मघा नक्षत्र का श्राद्ध दिलाएगा प्रतिष्ठा

मघा नक्षत्र में होगा त्रयोदशी श्राद्घ

Webdunia
IFM

मत्स्य पुराण के अनुसार आश्विन कृष्ण पक्ष रविवार को मघा नक्षत्र में त्रयोदशी का श्राद्घ होगा। प्रदोष व्रत के साथ होने वाला यह श्राद्घ विशेष महत्व रखता है, क्योंकि रविवार व मघा नक्षत्र सांध्य योग बनाते हैं। इस दृष्टि से इस नक्षत्र में किया जाने वाला श्राद्घ पराक्रम, प्रतिष्ठा, शुभ लक्ष्मी तथा वंश वृद्घि करने वाला होता है। शास्त्रों में 96 श्राद्घों का उल्लेख किया गया है, लेकिन इनमें भेद है।

96 श्राद्घ इस प्रकार है : पं. अमर डब्बावाला के अनुसार बारह माह की 12 अमावस्या, सतयुग, त्रेतादि युगों के आरंभ की चार तिथियां, मनुयों की आरंभ की 14 और मनवादि तिथियां, 12 संक्रांति, 12 वैधृति योग, 12 व्यतिपात योग, 15 महालय श्राद्घ (पितृ पक्ष), 5 अष्टका, 5 अनवष्टिका तथा 5 पूर्वीधुः ये 96 श्राद्घ हैं।

ND
क्या हैं श्राद्घ के 96 अवसर : मत्स्य पुराण में तीन प्रकार के श्राद्घ बताए गए हैं। नित्य, नैमित्तिक और काम्य। यम स्मृति में पांच प्रकार के श्राद्घ का उल्लेख है। नित्य, नैमित्तिक, काम्य, वृद्घि और पार्वण। प्रतिदिन किए जाने वाले श्राद्घ को नित्य श्राद्घ कहते हैं। इसमें विश्व देव नहीं होते तथा अशक्त अवस्था में केवल जल दान से भी इस श्राद्घ की पूर्ति हो जाती है।

एकोद्दिष्ट श्राद्घ को नैमित्तिक श्राद्घ कहते हैं। इसमें भी विश्व देव नहीं होते। किसी कामना की पूर्ति के लिए किए जाने वाले श्राद्घ को काम्य श्राद्घ कहते हैं। वृद्घि काल में पुत्र जन्म तथा विवाह आदि मांगलिक कार्य में जो श्राद्घ किया जाता है उसे वृद्घि श्राद्घ (नांदी) कहते हैं।

पितृ पक्ष अमावस्या अथवा पर्व की तिथि आदि पर जो सदैव (विश्व देव सहित) श्राद्घ किया जाता है उसे पार्वण श्राद्घ कहते हैं। विश्वामित्र स्मृति तथा भविष्य पुराण में नित्य, नैमित्तिक, काम्य, पार्वण, सपिंडन, गोष्ठी, सिद्घि अर्थ, कर्मांग, दैविक, यथार्थ तथा पुष्टि अर्थ ये बारह प्रकार के श्राद्घ बताए गए हैं।

Show comments

ज़रूर पढ़ें

138 दिन तक शनि की उल्टी चाल, युद्ध से होगा दुनिया का बुरा हाल, बचकर रहे 5 राशियां

बुध का कर्क राशि में गोचर, 3 राशियों के लिए शुभ और 3 के लिए अशुभ

बाबा वेंगा ने क्यों की थी भारत पर टिड्डियों के हमले की भविष्यवाणी?

इन 3 में से किसी एक तारीख को शुरू होगा भारत और पाकिस्तान के बीच भयानक युद्ध

नास्त्रेदमस की भविष्यवाणी, तीसरे विश्व युद्ध की शुरुआत और खत्म होने का समय, जानिए क्या होगा इस युद्ध में

सभी देखें

नवीनतम

जुलाई में सूर्य, गुरु और शुक्र के गोचर से 3 राशियों की किस्मत चमक जाएगी

वर्ष 2025 में कब से शुरू हो रहा है सावन माह का सोमवार, जानिए श्रावण मास डेट एंड पूजा टाइम

पाकिस्तान से सीजफायर के बाद क्या कहते हैं नरेंद्र मोदी के सितारे, गर्दिश में या बुलंदी पर?

आषाढ़ अमावस्या का महत्व और 3 अचूक उपाय से होगा पितृदोष दूर

Aaj Ka Rashifal: आज किस राशि को मिलेगी हर कार्य में सफलता, जानें 24 जून का दैनिक राशिफल