राम जन्मोत्सव : अनूठा दिव्य संयोग

रामनवमी : 10 वर्ष बाद बना दसवां दिव्य संयोग

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एक अप्रैल को रवि पुष्य नक्षत्र के मध्याह्न काल में दशरथ नंदन भगवान श्रीराम का जन्मोत्सव मनेगा। इस दिन चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि, वार रविवार, पुष्य नक्षत्र, सुकर्मा योग तथा कौलव करण के साथ सर्वार्थ सिद्घि योग का दिव्य संयोग भी है।

भारतीय मानक समय व स्थानीय रेखांश के आधार पर नक्षत्र मेखला की गणना से देखें तो गत 68 सालों में ऐसा शुभ संयोग केवल 9 बार ही बना है। यह 10वीं बार होगा, जब पंचाग के 5 अंगों की शुभ घड़ी में रामलला जन्मोत्सव मनेगा।

ज्योतिषाचार्य पं. अमर डब्बावाला के अनुसार इसी प्रकार की शुभ घड़ी में ही मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम का जन्म हुआ था।

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पंचाग के पांच अंगों के स्वामियों ने भगवान श्रीराम को पराक्रमी, शौर्यवान, ऐश्वर्यशाली, मर्यादा पुरुषोत्तम, दिग्विजयी, वैभवशाली, शक्ति संपन्न, विनम्र, आकर्षक व्यक्तित्व का स्वामी तथा कला की विभिन्न विधाओं में निपुण बनाया। इस दिन विशेष में राम आराधना से विशिष्ट फल की प्राप्ति होगी।

कब-कब बना संयो ग
सन् 1944, 54, 68, 71, 78, 81, 85, 95, 98 तथा 2002 के बाद इस वर्ष 2012 को ऐसा दिव्य संयोग बना है। अगले सात वर्षों के बाद सन्‌ 2019 में ऐसा ही शुभ संयोग बनेगा।
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