घर में देवता पूजन करें तो अवश्य याद रखें यह 12 बातें

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पूजन के लिए कुछ आसान से नियम निर्धारित हैं। यह नियम शास्त्रों में वर्णित हैं। इनके अनुसार पूजन करने से मनचाहा फल प्राप्त होता है। कई बार हम दिनरात ईश्वर का स्मरण करते हैं लेकिन फल नहीं मिलता है क्योंकि जानकारी न होने पर हम कुछ गलतियां कर जाते हैं। हालांकि ईश्वर सिर्फ भाव चाहते हैं किंतु सच्चे मन के साथ अगर कुछ नियमों का पालन भी कर लिया जाए तो तत्काल लाभ मिलता है-


 



- शिव जी को विल्व पत्र,विष्णु को तुलसी,गणेश जी को हरी दूर्वा,दुर्गा को अनेक प्रकार के पुष्प और सूर्य को लाल कनेर के पुष्प प्रिय हैं। शिवजी को सदाबहार पुष्प,विष्णु को धतूरा और देवी को आक के पुष्प नहीं चढ़ाए जाते।


- विष्णु को चावल,गणेश जी को तुलसी,देवी को दूर्वा,सूर्य को विल्व पत्र नहीं चढ़ाना चाहिए। लाल से सफेद और सफेद से नीला कमल भगवान को अत्यधिक प्रिय है।


- देवताओं को पूजन में अनामिका से गंध लगाना चाहिए।


- घी का दीपक दाईं और तेल का दीपक बाईं ओर रखना चाहिए।


- पुष्प हाथ में और चंदन ताम्र पत्र में रखें।


- जल,पात्र,घंटा,धूपदानी आदि बाईं ओर रखना चाहिए।


- शंख को जल में डुबाना और पृथ्वी पर रखना वर्जित है। शंख में चंदन और फूल छोड़ना चाहिए।


- भगवान के आगे जल का चैकोर घेरा बनाकर नैवेद्य रखें और देवी के दाईं ओर नैवेद्य रखना चाहिए।


- सभी देवताओं को सात,पांच,या तीन बार प्रणाम करना चाहिए।


- एक दीपक से दूसरा दीपक नहीं जलाना चाहिए।


- पूजन में किसी सामग्री की कमी होने पर उसके स्थान पर अक्षत,फूल चढ़ा दें। शास्त्रों में पूजा को हजार गुना फलदायी बनाने के लिए एक उपाय बतलाया गया है,वह है ‘‘मानस पूजा’’। कल्पना द्वारा हर प्रकार की सुंदर पूजन से भी भगवान प्रसन्न होते हैं।

- घर में पूर्व की ओर मुख करके दीपक रखने से वह आयु देता है,उत्तर की ओर धन,पश्चिम की ओर दुख और दक्षिण की ओर मुख करके रखने से हानि देता है।

समाप्त



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