Chhath Puja Surya Arghya 2021 : छठ पूजा पर सूर्य को अर्घ्‍य देने के 16 फायदे

Webdunia
बुधवार, 10 नवंबर 2021 (13:42 IST)
Chhath Puja Surya Arghya 2021 : छठ पर्व पर सूर्य देव को शाम को और दूसरे दिन प्रात: अर्घ्य दिया जाता है। छठ पर्व एकमात्र ऐसा पर्व है जिसमें शाम को सूर्य को अर्घ्‍य दिया जाता है जिसे संध्या अर्घ्य कहते हैं। षष्ठी और सप्तमी को सूर्य को अर्घ्‍य दिया जाता है। आखिर सूर्य को अर्घ्य देने से क्या होगा और क्यों देते हैं सूर्य को अर्घ्य, जानिए सूर्य को अर्घ्य देने के फायदे।
 
ALSO READ: Chhath Puja Arghya आज कितने बजे दे सकते हैं संध्या सूर्य अर्घ्य, जानिए 11 तारीख के उदयगामी सूर्य के अर्घ्य का समय
1. शाम के समय सूर्य अपनी पत्नी प्रत्यूषा के साथ रहते हैं। इसीलिए प्रत्यूषा को अर्घ्य देने का लाभ मिलता है। कहते हैं कि शाम के समय सूर्य की आराधना से जीवन में संपन्नता आती है।
 
2. सप्तमी अर्थात अंतिम दिन सूर्य को वरुण वेला में अर्घ्य दिया जाता है। यह अर्घ्य सूर्य की पत्नी उषा को दिया जाता है। इससे सभी तरह की मनोकामना पूर्ण होती है। षष्ठी के दूसरे दिन सप्तमी को उषाकाल में सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत का समापन किया जाता है जिसे पारण कहते हैं। 
 
3. कहते हैं कि सुबह के सूर्य की आराधना से सेहत बनती है, रोग मिटते हैं, दोपहर की सूर्य आराधना से नाम और यश बढ़ता है और शाम के समय की आराधना से जीवन में संपन्नता आती है।
 
4. यह भी माना जाता है कि उषाकाल के सूर्य की उपासना करने से मुकदमें में फंसे हो तो निकल जाते हैं। आंखों की रोशनी में लाभ मिलता है, अटके काम सलट जाते हैं। पेट की समस्या समाप्त हो जाती है। परीक्षा में लाभ मिलता है।
ALSO READ: Chhath Puja : कौन हैं छठ मैया, क्यों करते हैं इनकी पूजा, पढ़ें व्रत कथा
5. माना जाता है कि सुबह के समय सूर्य को जल चढ़ाते समय इन किरणों के प्रभाव से रंग संतुलित हो जाते हैं और साथ ही साथ शरीर में प्रतिरोधात्मक शक्ति बढ़ती है।
 
6. जिन लोगों की कुंडली में सूर्य कमजोर होता है कहते हैं कि उनमें आत्मविश्वास की कमी होती है और वे निराशावादी हो जाते हैं। प्रात:काल सूर्य देव के दर्शन से शरीर में स्फूर्ति आती है और यदि शरीर अच्छा महसूस करेगा तो मन भी सकारात्मक होकर निराशावाद को भगाकर आत्मविश्वास बढ़ाता है।
Chhath Puja 2021
7. माता जाता है कि जल की धारा में से उगते सूरज को देखना चाहिए इससे धातु और सूर्य कि किरणों का असर आपकी दृष्टि के साथ-साथ आपके मन पर भी पड़ेगा और आपको सकारात्मक उर्जा का आभास होता रहेगा।
 
8. धार्मिक दृष्टिकोण से देखें तो सूर्यदेव को आत्मा का कारक माना गया है। ऐसा भी माना जाता है कि सूर्य देव को अर्घ्य देने से वे बहुत जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं। और अपने भक्त के जीवन को अंधकार से निकालकर प्रकाश (ज्ञान) की ओर लेकर जाते हैं।
 
9. मान्यता अनुसार अर्घ्य देने से घर-परिवार में मान-सम्मान बढ़ता है।
 
10. सूर्य को प्रतिदिन अर्घ्य देने से व्यक्ति कुंडली में सूर्य की स्थिति भी मजबूत होती है। 
 
11. छठ पर्व को विधिवत मनाने से मिट जाता है सभी तरह का सूर्य दोष।
ALSO READ: छठ पर्व पर करें ये 5 उपाय, होगा महालाभ
12. ज्योतिषविद्या के मुताबिक हर दिन सूर्य को अर्घ्य देने से व्यक्ति की कुंडली में यदि शनि की बुरी दृष्टि हो तो उसका प्रभाव भी कम होता है। इससे करियर में भी लाभ मिलता है।
 
13. सूर्य प्रकाश का सबसे बड़ा स्रोत है और प्रकाश को सनातन धर्म में सकारात्मक भावों का प्रतीक माना गया है। इस प्रकार में सभी तरह के रोग और शोक को मिटान के क्षमता है।
 
14. प्रतिदिन प्रात:काल सूर्य के समक्ष कुछ देर खड़े रहने से सभी तरह के पौषक तत्व और विटामिन की पूर्ति होने की संभावना बढ़ जाती है।
 
15. जिस तरह पौधों के लिए जल के अलावा सूर्य के प्रकाश की भी जरूरत होती है उसी तरह मनुष्य के जीवन के लिए भी सूर्य के प्रकाश या धूप की अत्यंत ही आवश्यकता होती है।
 
16. सूर्य प्रकाश का सबसे बड़ा स्रोत है और प्रकाश को सनातन धर्म में सकारात्मक भावों का प्रतीक माना गया है।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

ज़रूर पढ़ें

September 2025 Weekly Horoscope: इस हफ्ते आपके सितारे क्या कहते हैं?

Shradh paksh 2025: श्राद्ध के 15 दिनों में करें ये काम, पितृ दोष से मिलेगी मुक्ति

Pitru Paksha 2025: में श्राद्ध पक्ष कब से शुरू होगा कब तक रहेगा?

Pitru Paksha 2025: 7 सितंबर से होगा श्राद्ध पक्ष प्रारंभ, जानें शास्त्रों के नियम और खास बातें

Shradh 2025: क्या लड़कियां कर सकती हैं पितरों का तर्पण? जानिए शास्त्रों में क्या लिखा है

सभी देखें

नवीनतम

11 September Birthday: आपको 11 सितंबर, 2025 के लिए जन्मदिन की बधाई!

Aaj ka panchang: आज का शुभ मुहूर्त: 11 सितंबर, 2025: गुरुवार का पंचांग और शुभ समय

Shradh Paksha 2025: श्राद्ध पक्ष में पंचमी तिथि का श्राद्ध कैसे करें, जानिए कुतुप काल मुहूर्त और सावधानियां

shradh paksh 2025: आर्थिक संकट में इस विधि से करें 'श्राद्ध', पितृ होंगे तृप्त

Sarvapitri amavasya 2025: वर्ष 2025 में श्राद्ध पक्ष की सर्वपितृ अमावस्या कब है?

अगला लेख