9-9-9 में जन्मे बालक साहसी होंगे

यह अंक सदी में एक ही बार आते हैं

पं. अशोक पँवार 'मयंक'
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अंक ज्योतिषानुसार नौ का अंक मंगल प्रधान अंक होता है। मंगल साहस, ऊर्जा, शक्ति, युद्ध, सेनानायक, युद्ध भूमि का कारक माना गया है। जिस जातक की जन्म तारीख नौ है वह साहसी प्रवृति का अति महत्वाकांक्षी होता है। उसे जल्द गुस्सा आता है। यदि जन्म के समय मंगल उच्च का हो या स्वराशि मेष या वृश्चिक का हो तो ये जातक पुलिस, सेना, संगठन, पहलवानी आदि के क्षेत्र में उत्तम सफलता पाने वाले होते हैं।

अन्य ग्रहों के मिलन या दृष्टि संबंध से फल में अन्तर आ जाता है। यदि इनका सही तरीके से लालन-पलन न हो तो ये दुःसाहसी हो जाते हैं। उग्र स्वभाव होने से इनके कई दुश्मन भी बन जाते हैं। ये ठान लें तो अन्य के मुकाबले अच्छी सफलता पाने वाले होते हैं।

ये व्यवसायी हों तो जमीन या इनसे जुड़े कार्यों में उत्तम सफलता पाने वाले होते हैं। इनको गुरु, चन्द्र, सूर्य, बुध का साथ मिल जाए तो ये प्रशासनिक क्षेत्र में अच्छी सफलता पाते हैं। शनि मंगल की युति हो या दृष्टि संबंध हो तो इन्हें जीवन में अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।

इनके लिए मंगलवार, गुरुवार, रविवार शुभ हैं व शनिवार अशुभ। सोम, बुध सम हैं। मित्र अंक 1, 3, 4, 2, 7, शत्रु अंक 5, 6। इनके लिए फरवरी, मार्च, अप्रैल, जून, सितम्बर, नवम्बर व दिसम्बर माह हैं। शुभ तारीख 1, 3, 9, 7, 4 व इनके जोड़ से बनने वाली तारीखें हैं। शुभ रंग लाल, गुलाबी, सुनहरा, पीला है। अशुभ रंग नीला, काला है। शुभ दिशा उत्तर, पूर्व व अशुभ दिशा पश्चिम व दक्षिण है।

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इस दिन जन्म लेने वाला बालक भी मंगल प्रधान राशि मेष में जन्मेगा। मंगल मिथुन में होने से चतुर्थ दृष्टि कन्या पर होगी जो लग्नानुसार सम फलदायी होगी। सप्तम दृष्टि गुरु की धनु राशि पर व अष्टम दृष्टि शनि की मकर राशि पर उच्च होने से लग्नानुसार उत्तम फलदायी होगी।

9-9-2009 में ग्रहों कि स्थिति इस प्रकार थी- सूर्य सिंह में, चन्द्र मेष में, मंगल मिथुन में, बुध कन्या में उच्च का, गुरु मकर नीच में राहु के साथ चाण्डाल योग बना रहा है। शुक्र कर्क में केतु के साथ है, शनि सिंह में सूर्य के साथ है। ग्रहों की स्थितिनुसार भ्रष्टाचार का बोलबाला किन्तु मंगल की उच्च दृष्टि होने से उस पर सख्ती से काबू पा लिया जाएगा। आर्थिक उन्नति, बाहरी मामलों में सावधानी रखना होगी, राजनीति में उठापटक रहेगी।

9-9-1009 में ग्रहों की स्थिति सूर्य कन्या में उच्च के बुध व शनि मंगल कि युति में थे, चन्द्र मेष में केतु के साथ था। 9-9-2009 के अनुसार देखा जाए तो 21 अगस्त 1009 को आज से ठीक एक हजार साल पहले सूर्य सिंह राशि में 22 अंश 44 कला का था। उस समय शनि मंगल की युति सूर्य बुध के साथ थी निश्चय ही वह समय लड़ाइयों का रहा होगा। एक सदी में कितना अन्तर आ जाता है।

इसी प्रकार मौसम में भी बदलाव का कारण सूर्य की गति ही है। उस समय मकर संक्रांति 25 दिसम्बर को थी अब सूर्य मकर में 14 जनवरी को आता है।

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