प्रतिवर्ष माघ शुक्ल सप्तमी को अचला सप्तमी/रथ सप्तमी का पर्व मनाया जाता है। इसे सूर्य सप्तमी, रथ आरोग्य सप्तमी, सूर्यरथ सप्तमी आदि नामों से भी जाना जाता है। अगर यह सप्तमी रविवार के दिन आती हो तो इसे अचला भानू सप्तमी भी कहा जाता है।
पौराणिक ग्रंथों के अनुसार भगवान सूर्य ने इसी दिन सारे जगत को अपने प्रकाश से अलौकित किया था। इसीलिए इस सप्तमी को सूर्य जयंती के रूप में भी मनाया जाता है। इस वर्ष यह तिथि 19 फरवरी, शुक्रवार को पड़ रही है। आइए जानें कैसे करें पूजन इस दिन-
क्या करें इस दिन :-
* सूर्योदय से पूर्व उठकर अपने दैनिक कर्म से निवृत्त होकर घर के आसपास बने जलाशयों के बहते जल में स्नान करना चाहिए।
* स्नान के पश्चात भगवान सूर्य की आराधना करें।
* भगवान सूर्य को अर्घ्य दान करें।
* शुद्ध घी का दीपक प्रज्ज्वलित कर कपूर, लाल पुष्प आदि से सूर्य का पूजन करें।
* दिन भर भगवान सूर्य का गुनगान करें। सूर्य मंत्र- ॐ घृणि सूर्याय नम: अथवा ॐ सूर्याय नम: का 108 बार जाप करें।
* आदित्य ह्रदय स्तोत्र का पाठ करें।
* अपनी शक्ति अथवा स्वेच्छा नुसार गरीबों को दान-दक्षिणा दें।
* इस दिन व्रतधारियों को नमकरहित एक समय एक अन्न का भोजन अथवा फलाहार करने का विधान है।